एनसीईआरटी ने महामारी के चलते पढ़ाई का बोझ कम करने का हवाला देते हुए स्कूली पाठ्यक्रम को लगभग 40 प्रतिशत घटा दिया था. शिक्षाविदों का कहना है कि यह पाठ्यक्रम छात्रों को एनईईटी, जेईई और सीयूईटी जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में अपर्याप्त है.