रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के जिस प्रशिक्षण शिविर को हवाई हमले में निशाना बनाने का दावा किया है वहां की अप्रैल 2018 में ली गई सेटेलाइट तस्वीर और 4 मार्च 2019 की सेटेलाइट तस्वीर में कोई भी अंतर नहीं दिख रहा है.