भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को मिलने वाले सरकारी समर्थन को लेकर दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है. फिर भी पाकिस्तान की सरकारें लश्कर-ए-तैयबा के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में असमर्थ रही हैं.
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था.
विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति के सूत्रों ने कहा कि विदेश सचिव ने 26 फरवरी को बालाकोट में हुए एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि वोटों के लिए बीजेपी की योजना को जानकर हैरान हूं. कोई भी देशभक्त सैनिकों की शहादत पर इस तरह के लाभ को प्राप्त करने की बात नहीं कर सकता, यह केवल एक देशद्रोही ही कर सकता है.
पाकिस्तान के सांप्रदायिक एजेंडे के लिए नरेंद्र मोदी की एक और जीत से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. उनकी नीतियों ने पाकिस्तानियों को यह यक़ीन दिलाने का काम किया है कि भारत में मुस्लिम कभी भी सुरक्षित नहीं रह सकते हैं.