झारखंड से पहले भी कई राजनीतिक दलों ने कई राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले महिलाओं को के लिए नौकरियों को लेकर तमाम वादे किए हैं. वे दावे कितने पूरे हुए? एक नज़र...
झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों मेें आरएसएस पर्चे बांट रहा है जिसमें मतदाताओं से उस पार्टी को चुनने के लिए कहा गया है जो 'घुसपैठियों' की पहचान करने के लिए एनआरसी का वादा करती है, 'लव जिहाद' के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
झारखंड विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद तीस भाजपा नेता निर्दलीय चुनाव में उतरे थे. भाजपा ने इन सभी को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
पिछले पांच सालों में भाजपा और केंद्र ने कई बार हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की कोशिश की. हर विपक्षी राज्य की तरह झारखंड में भी ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां विपक्ष को घेरने में लगी रहीं. मुख्यमंत्री सोरेन को लोकसभा चुनाव के पहले ऐसे मामले में पांच महीने तक जेल भेजा गया, जिसमें आज तक कोई साक्ष्य नहीं है. इस सबके बीच कैसा रहा सोरेन सरकार का कार्यकाल?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान एक चरण में 20 नवंबर को होगा, जबकि झारखंड में दो चरण में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. दोनों राज्यों के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने टिकट न मिलने पर रघुबर दास मंत्रिमंडल और फिर भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया था. निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे सरयू राय जमशेदपुर (पूर्व) सीट पर झारखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुबर दास से पांच हज़ार वोटों से आगे चल रहे हैं.
चुनाव आयोग की ओर से अब तक आए आंकड़ों के अनुसार, झामुमो 12 सीटें जीत चुकी है और 18 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. भाजपा 10 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और 16 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस ने अब तक छह सीटें जीती हैं, जबकि नौ सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
डायन बताकर महिलाओं की हत्या किए जाने के मामले में झारखंड पिछले कई सालों से लगातार देश में शीर्ष पर है. इसके बावजूद किसी भी राजनीतिक दल की प्राथमिकता में यह मुद्दा नज़र नहीं आता.