झारखंड में महागठबंधन और जन विरोध के बावजूद भाजपा बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही. राज्य गठन के बाद हुए लोकसभा चुनावों के वोट शेयर का आकलन किया जाए, तो यह स्पष्ट होता है कि झारखंड लंबे समय से इस परिणाम की ओर बढ़ रहा था. अब सवाल ये है कि क्या वे लोकसभा चुनाव में मिली हार के अनुभव से सीखते हुए चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं.
झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों के लिए महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और राजद ने किसी भी अल्पसंख्यक चेहरे को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.