वीडियो: झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों - इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी - को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस कार से 49 लाख से अधिक नकद जब्त करने के बाद गिरफ़्तार किया था, जिसमें वे यात्रा कर रहे थे. इस बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के पीछे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा हैं.
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बीती 30 जुलाई को एक वाहन में भारी नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर रही है.
झारखंड की राजधानी रांची के पास तुपुदाना इलाके में पुलिस सब-इंस्पेक्टर संध्या टोपनो वाहनों की जांच कर रही थीं, तभी तेज़ी से आ रहे मवेशियों से भरे वाहन से उन्हें टक्कर मार दी और चालक गाड़ी लेकर फ़रार हो गया. बीते 19 जुलाई को हरियाणा के नूंह में अवैध खनन की जांच में लगे एक पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह को भी ट्रक चालक ने कुचलकर मार डाला था.
सपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर स्पष्ट किया कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरक़रार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं. सपा विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है. सिन्हा की सात जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा द्वारा उन्हें आमंत्रित नहीं करने पर राजभर ने निराशा भी व्यक्त की है.
झारखंड में क़रीब 35 हजार स्कूल भवन को हरे और सफेद रंग से दोबारा रंगा जा रहा है, जबकि जूनियर स्कूल से लेकर माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों को हरे रंग की नई पोशाक देने की तैयारी है. भाजपा की ओर से कहा गया है कि हम सभी को हरा रंग पसंद है, लेकिन यह सरकार राजनीतिक संदेश देने के लिए इस रंग का उपयोग कर रही है. स्कूली छात्रों को राजनीति से दूर रखना चाहिए.
भाजपा प्रवक्ताओं के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयानों के ख़िलाफ़ रांची में हुए प्रदर्शनों में हुई हिंसा के मद्देनज़र राज्यपाल रमेश बैस ने डीजीपी नीरज सिन्हा समेत वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया था.
पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के दौरान 20 वर्षीय साहिल और 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम की गोली लगने से मौत हो गई थी. उनके परिवारों ने पूछा है कि गोली चलाने का कारण क्या था और क्या पुलिस के पास यही एकमात्र विकल्प था? सरकार को जवाब देना चाहिए और दोषियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
बीते चार जनवरी को सिमडेगा ज़िले के एक गांव में भीड़ ने पेड़ काटने के संदेह में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर शव को जला दिया था. पांच जनवरी को पुलिस ने 13 नाम ज़द समेत कुल 38 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले अब तक आठ आरोपियों को पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है.
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के ख़िलाफ़ धनबाद में प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से प्रधानमंत्री एवं भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष को ‘अपशब्द’ कहने के आरोप में मानसिक बीमारी से पीड़ित एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी. मुख्यमंत्री ने मामले दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
मामला सिमडेगा ज़िले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र का है. पुलिस के अनुसार, ग्रामीणों का आरोप था कि 32 वर्षीय संजू प्रधान वन क्षेत्र से लकड़ी की तस्करी करते थे. इससे नाराज़ ग्रामीण उन्हें बात करने के लिए घर से बुलाकर ले गए, जहां भीड़ ने पत्थर-लाठियों से उन्हें मारने के बाद शव को आग लगा दी.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है. मॉब लिंचिग रोधी अधिनियम हिंदू, मुस्लिम या आदिवासी अधिनियम नहीं है, क्योंकि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता. भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने और देश के सामाजिक तानाबाने को नष्ट करने वाला माहौल बनाने के बाद हम यह क़ानून लाने को मजबूर हुए.
झारखंड में मॉब वायलेंस और मॉब लिंचिंग बिल, 2021 के क़ानून बनने पर भीड़ हिंसा के दोषी पाए जाने वालों के लिए जुर्माने और संपत्तियों की कुर्की के अलावा तीन साल से लेकर उम्रक़ैद तक की सज़ा का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल और राजस्थान के बाद इस तरह के विधेयक को पारित करने वाला तीसरा राज्य बन गया है.
चाहे केंद्र में यूपीए की सरकार रही हो या वर्तमान एनडीए की, नक्सल अभियान के नाम पर आदिवासियों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा हिंसा जारी रहती है. इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि झारखंड में माओवादी हिंसा एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन इसे रोकने के नाम पर निर्दोष आदिवासियों के दमन का क्या औचित्य है? क्यों अभी भी आदिवासियों की पारंपरिक व सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को दरकिनार कर सुरक्षा बल उनके क्षेत्र में घुसपैठ कर उन्हें परेशान कर
झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो ने बताया है कि उसे एल्युमिनियम एवं तांबा विनिर्माता कंपनी हिंडाल्को से एक करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बांड के ज़रिये मिला है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने कहा है कि इससे यह सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक दलों को दान देने वालों की पहचान की जानकारी है, जिन्होंने उसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये योगदान दिया है.
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले एक साल में जन अपेक्षाओं के अनुरूप कुछ निर्णय तो लिए हैं, लेकिन चुनाव में गठबंधन द्वारा उठाए गए मुद्दों, घोषणा-पत्र में किए गए वादों एवं राज्य की आवश्यकताओं की तुलना में अभी भी कुछ ख़ास काम देखने को नहीं मिला है.