जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट नेता यासीन मलिक को बीते साल एक ट्रायल कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी मानते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
भाजपा मतदाताओं को यह दिखाने के लिए कि वह आतंक पर सख़्त है, उस मौजूदा कश्मीर नीति से छेड़छाड़ कर रही है, जो अलगाववादियों के साथ सामंजस्य लाने के उद्देश्य से बनाई गई थी. एक ऐसी नीति, जो राज्य को बर्बादी की कगार से वापस लाई थी.
सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए पर 25 फरवरी को सुनवाई होने की संभावना. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का आदेश दिया.
अलगावादियों ने इस अनुच्छेद को क़ानूनी चुनौती देने को मुस्लिम बहुसंख्यक जम्मू कश्मीर में आबादी की संरचना को बदलने वाला कदम बताया है.
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक का कहना है कि वर्तमान सरकार कश्मीरियों की एक पूरी पीढ़ी को सशस्त्र संघर्ष के लिए मजबूर कर रही है.