जेएनयू के बारे में ग़लत धारणा को बदलना चाहती हूंः नवनियुक्त कुलपति

जेएनयू की पहली महिला कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने पिछले महीने एम. जगदीश कुमार के स्थान पर कुलपति का पदभार संभाला है. एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बारे में नकारात्मक धारणा को बदलकर इसे बेहतर बनाना होगा. वास्तव में जेएनयू असहमति और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है.

जेएनयू कुलपति का दावा- मेरा कभी कोई ट्विटर एकाउंट नहीं रहा, मेरे ख़िलाफ़ साज़िश की गई

जेएनयू की नवनियुक्त कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित की नियुक्ति के बाद उनके कुछ पुराने ट्वीट विवादों में हैं. अब डिलीट कर दिए गए ट्विटर एकाउंट के बारे में पंडित ने कहा कि जेएनयू के किसी व्यक्ति ने साज़िशन इसे बनाया था. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कि जेएनयू के किसी शख़्स को यह कैसे पता रहा होगा कि उन्हें संस्थान का कुलपति बनाया जाएगा और कैसे उनकी नियुक्ति से पहले ट्विटर एकाउंट बना होगा.

जेएनयू: नई वीसी ने ट्विटर पर किया था नरसंहार के आह्वान व छात्रों-किसानों पर हमले का समर्थन

जेएनयू की नवनियुक्त कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कई मौकों पर बिना किसी हिचकिचाहट अपनी हिंदुत्व दक्षिणपंथी विचारधारा को सार्वजनिक किया है. नियुक्ति के बाद उनके पुराने ट्वीट शेयर किए जाने का सिलसिला बढ़ने के बाद उनका ट्विटर एकाउंट डिलीट कर दिया गया है.

शांतिश्री पंडित जेएनयू की पहली महिला कुलपति नियुक्त की गईं

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर 59 वर्षीय शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को पांच वर्षों के लिए जेएनयू के कुलपति नियुक्त किया गया है. पंडित जेएनयू की छात्रा रही हैं, जहां से उन्होंने एमफिल के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की उपाधि हासिल की है.