चिड़िया को उसका घोंसला नज़र नहीं आ रहा है, पर उसके सामने खुला आसमान ज़रूर है: रवीश कुमार

अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने के बाद एनडीटीवी इंडिया के समूह संपादक रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि जनता को चवन्नी समझने वाले जगत सेठ हर देश में हैं. अगर वो दावा करें कि वे  सही सूचनाएं देना चाहते हैं, तो अर्थ है कि वो अपनी जेब में डॉलर रखकर आपकी जेब में चवन्नी डालना चाहते हैं.

द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को वर्ष 2022 का कुलदीप नैयर पत्रकारिता पुरस्कार मिला

यह पुरस्कार गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से पत्रकार कुलदीप नैयर के सम्मान में भारतीय भाषाओं के पत्रकारों को दिया जाता है. वर्ष 2021 के लिए यह पुरस्कार वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम को दिया गया है.

यह दौर पत्रकारिता के राजनीतिकरण और राजनीति के पत्रकारिताकरण का है

गोदी मीडिया भाजपा का महासचिव-सा बन गया है. पूरा गोदी मीडिया पार्टी में बदल चुका है. गोदी मीडिया के बाहर मीडिया बहुत कम बचा है. इसलिए कई लोग पत्रकारिता छोड़कर पार्टियों का काम कर रहे हैं. आईटी सेल और सर्वे में करिअर बना रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने ‘इंडिया टुडे’ के प्रमुख अरुण पुरी के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला ख़ारिज किया

अप्रैल 2007 में इंडिया टुडे में ब्रिटेन में पदस्थ तीन भारतीय राजनयिकों पर लगे आरोपों को लेकर एक लेख प्रकाशित हुआ था. इसे लेकर अरुण पुरी के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि की शिकायत ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेख लिखने वाले पत्रकार के कृत्य के लिए प्रधान संपादक को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

मुख्यधारा के मीडिया को सबसे बड़ा ख़तरा डिजिटल मंच से नहीं, बल्कि ख़ुद से है: अनुराग ठाकुर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशिया-पैसिफिक इंस्टिट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर न्यूज़ चैनल ऐसे मेहमानों को आमंत्रित करते हैं, जो ध्रुवीकरण कर रहे हैं, झूठी ख़बरें फैलाते हैं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हैं, तो चैनल की विश्वसनीयता कम हो जाती है.

पत्रकार यूनियन ने केंद्र सरकार से अफ़ग़ानी पत्रकारों को शरण देने का अनुरोध किया

विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लिखे पत्र में इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन ने कहा है कि तालिबानी शासन में अफ़ग़ान पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाइयों और हमलों में खासी बढ़ोतरी हुई है.

अज्ञेय: वो विद्रोही लेखक, जिसने साहित्य और जीवन दोनों ही में परंपराओं को तोड़ा

पुस्तक समीक्षा: हिंदी कविता और नई कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर रहे अज्ञेय की अक्षय मुकुल द्वारा लिखी जीवनी ‘राइटर, रेबेल, सोल्‍जर, लवर: द मैनी लाइव्ज़ ऑफ अज्ञेय’ उनके जीवन के अनगिनत पहलुओं को तो उभारती ही है, साथ ही 1925 से 1980 के भारत के राजनीतिक-सामाजिक इतिहास का भी दस्तावेज़ बन जाती है.

फर्ज़ी ख़बरों के दौर में पत्रकारों का अनदेखियां दर्ज करना पहले से ज़्यादा ज़रूरी: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता तब तक सुरक्षित रहेगी, जब तक पत्रकार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई से डरे बिना सत्ता से सच कह सकते हैं.

सपोर्ट रोहित रंजन का हैशटैग चलाने वाले ज़ी न्यूज़ ने थाने में शिकायत क्यों दर्ज करवाई

ज़ी न्यूज़ के डीएनए कार्यक्रम में राहुल गांधी के ग़लत वीडियो पर कांग्रेस की आपत्ति के बाद ज़ी न्यूज़ ने तुरंत ही माफ़ी मांगी और इसे मानवीय भूल बताया. फिर ज़ी न्यूज़ ने पुलिस शिकायत क्यों दर्ज कराई कि वीडियो का मामला मानवीय भूल से आगे का है और पुलिस जांच करे? क्या माफ़ी मांगने से पहले जांच नहीं हुई होगी?

जानबूझकर फैलाई जा रहीं फ़र्ज़ी ख़बरों से मीडिया के प्रति विश्वास घटता है: पत्रकार मारिया रेसा

साक्षात्कार: हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा की वेबसाइट रैपलर को वहां की सरकार ने बंद करने का आदेश दिया है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में मारिया ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को यह बताने की ज़रूरत है कि अगर वे आज अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ते हैं, तो वे इन्हें हमेशा के लिए गंवा देंगे.

एफआईआर आधारित ख़बर पर मानहानि का मुक़दमा पत्रकार की आवाज़ को दबाना है: कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक मीडिया संस्थान के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि के मुक़दमे की सुनवाई में कहा कि एफआईआर पर आधारित ख़बर पर मानहानि की शिकायत दर्ज कराना रिपोर्टर को चुप कराने और आरोपियों के ख़िलाफ़ छपी ख़बर को जबरन वापस लेने का प्रयास करवाने के अलावा और कुछ नहीं है.

प्रेस क्लब ने पत्रकार के जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा प्रताड़ना के आरोपों की जांच की मांग की

द कारवां पत्रिका से जुड़े मल्टीमीडिया पत्रकार शाहिद तांत्रे ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि कश्मीर के घटनाक्रम पर लिखने के कारण जम्मू कश्मीर पुलिस उन्हें और उनके परिवार को धमका रही है. प्रेस क्लब ने केंद्र और सूबे के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और पत्रकारों को निशाना बनाकर प्रताड़ित करने से रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया है.

‘अक्षय कुमार, प्लीज़ आप इतिहासकार से वापस पत्रकार बन जाइए’

इस वक़्त गोदी जगत को नए कुमार की ज़रूरत है और अक्षय कुमार से बड़ा कुमार सूझ नहीं रहा है. काम वही करना होगा लेकिन नया चेहरा करेगा तो चेंज लगेगा. वो पत्रकार बनकर आएंगे तो एक ही शो को हर चैनल पर एक साथ चलवाया जाएगा. सीज़न भी आम का है, जितना आम मांगेंगे, उतना खिलवाया जाएगा.

बिहार: बालू और शराब माफिया पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार की गोली मारकर हत्या

घटना बेगूसराय ज़िले के बखरी थानाक्षेत्र की है, जहां 20 मई की रात एक वैवाहिक आयोजन से लौट रहे 26 साल के पत्रकार सुभाष कुमार महतो को गोली मार दी गई. उनके परिजनों और दोस्तों का कहना है कि इसकी वजह शराब और बालू माफिया को लेकर की गई रिपोर्टिंग है. वहीं, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.

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