एक पत्रकारिता सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि निष्पक्ष आलोचना प्रत्येक व्यक्ति और पत्रकार का अधिकार है. मुझे सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है. अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह राजद्रोह नहीं है.
केरल सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा कि भारत में स्वतंत्र पत्रकारिता का कमज़ोर होना लोकतंत्र के पतन को दर्शाता है.
कोलकाता के रिक्शा चालकों के जीवन के बारे में सिटी ऑफ जॉय लिखने वाले फ्रांसीसी लेखक डॉमिनिक लेपियर 91 वर्ष के थे. सिटी ऑफ जॉय के अलावा उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी पर शोध-आधारित 'फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल' का सह-लेखन भी किया था.
जानी-मानी अमेरिकी-फलस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की मौत इस साल मई में वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में इज़रायल डिफेंस फोर्सेस की छापेमारी के दौरान हुई गोलीबारी में हो गई थी. अमेरिका के फैसले को लेकर इज़रायल ने कहा है कि वह जांच में सहयोग नहीं करेगा.
गोदी मीडिया भाजपा का महासचिव-सा बन गया है. पूरा गोदी मीडिया पार्टी में बदल चुका है. गोदी मीडिया के बाहर मीडिया बहुत कम बचा है. इसलिए कई लोग पत्रकारिता छोड़कर पार्टियों का काम कर रहे हैं. आईटी सेल और सर्वे में करिअर बना रहे हैं.
साल 2016 में बिहार के सीवान ज़िले में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी. सीवान से चार बार सांसद रहे दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन हत्या के आरोपियों में से एक थे. बीते छह सालों से मामले की सीबीआई जांच चल रही है और रंजन का परिवार इंसाफ़ के इंतज़ार में है.
अप्रैल 2007 में इंडिया टुडे में ब्रिटेन में पदस्थ तीन भारतीय राजनयिकों पर लगे आरोपों को लेकर एक लेख प्रकाशित हुआ था. इसे लेकर अरुण पुरी के ख़िलाफ़ दर्ज मानहानि की शिकायत ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेख लिखने वाले पत्रकार के कृत्य के लिए प्रधान संपादक को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
सीजेआई यूयू ललित की पीठ उस कंपनी से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने कथित तौर पर 27 बैंकों से ऋण लिया और धन की हेराफेरी की. अदालत को बताया गया कि एक पत्रकार ने संबंधित कॉरपोरेट धोखाधड़ी की पड़ताल की है और अब उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है.
एक ख़बर के प्रकाशन पर एक उग्रवादी संगठन द्वारा जारी फ़रमानों और धमकियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए मणिपुर में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों ने सोमवार से काम बंद कर दिया है.
वीडियो: झारखंड के पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को बीते 17 जुलाई को माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ़्तार किया है. उनकी पत्नी इप्सा शताक्षी ने बताया कि उन्हें जेल में संक्रामक रोगियों के वॉर्ड में रखा गया है और वहां की स्थिति अच्छी नहीं है. उनसे सुमेधा पाल की बातचीत.
आरोप है कि एनआईए ने सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक डब्ल्यू. श्यामजई को दो अगस्त को अपने कार्यालय में तलब किया था. दोपहर तक बिना बातचीत किए उन्हें एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किए गए.
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि गृह मंत्री प्रीति पटेल ने 50 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. हालांकि असांजे के पास इसके ख़िलाफ़ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है. असांजे 2010 और 2011 में हज़ारों गोपनीय सैन्य तथा राजनयिक दस्तावेज़ों के प्रकाशन के मामले में अमेरिका में वांछित हैं.
द कारवां पत्रिका से जुड़े मल्टीमीडिया पत्रकार शाहिद तांत्रे ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि कश्मीर के घटनाक्रम पर लिखने के कारण जम्मू कश्मीर पुलिस उन्हें और उनके परिवार को धमका रही है. प्रेस क्लब ने केंद्र और सूबे के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और पत्रकारों को निशाना बनाकर प्रताड़ित करने से रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
इस वक़्त गोदी जगत को नए कुमार की ज़रूरत है और अक्षय कुमार से बड़ा कुमार सूझ नहीं रहा है. काम वही करना होगा लेकिन नया चेहरा करेगा तो चेंज लगेगा. वो पत्रकार बनकर आएंगे तो एक ही शो को हर चैनल पर एक साथ चलवाया जाएगा. सीज़न भी आम का है, जितना आम मांगेंगे, उतना खिलवाया जाएगा.
पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई ने गवाह बादामी देवी को मृत घोषित कर अदालत में रिपोर्ट भी पेश की. गवाह के जीवित पाए जाने के बाद अदालत ने सीबीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. साल 2016 में बिहार के सीवान ज़िले में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीवान से चार बार सांसद रहे दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन इस हत्या के आरोपियों में से एक थे.