यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा ग्लोबल फाइनेंसिंग के लिए 2012 में लिए गए कर्ज पर दी गई कथित व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित है.
ब्रिटेन की एक अदालत ने 10 करोड़ डॉलर की राशि जमा करने के लिए रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को छह सप्ताह का समय दिया है. अंबानी के बचाव में उनके वकीलों ने दलील दी थी कि उनकी नेटवर्थ लगभग शून्य है और उनका परिवार संकट की स्थिति में उनकी मदद नहीं करेगा, जिसे अदालत ने मानने से इनकार कर दिया.