‘अगर जज रिटायरमेंट के बाद नियुक्ति पाने की सोच रखते हैं तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह सकती’

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज दीपक गुप्ता ने न्यायिक नियुक्तियों और सुधारों पर बात करते हुए कहा कि अगर सेवानिवृत्ति के कगार पर खड़े जज सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों की चाह में सत्ता के गलियारों में भीड़ लगाते हैं तो क्या न्याय की उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने सरकार द्वारा जजों के नामों को मंज़ूरी देने में धर्म के आधार पर भेदभाव किए जाने की भी बात कही है.