पिछले महीने से म्यांमार सेना को तीन जातीय सशस्त्र बलों के गठबंधन से एक बड़े समन्वित हमले का सामना करना पड़ा है. भारतीय सीमा के पास भी तीव्र संघर्ष देखा गया. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 5,000 से अधिक शरणार्थी सीमा पार कर गए हैं.
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म्यांमार के चिन नेशनल फ्रंट के प्रवक्ता ने बताया कि उनके आंदोलन को कुचलने के लिए मणिपुर के सशस्त्र समूह जोमी रिवोल्यूशनरी संगठन/जोमी रिवोल्यूशनरी आर्मी ने म्यांमार के जुंटा सैन्य शासन से हाथ मिलाया है. म्यांमार के सीमाई इलाकों में सक्रिय मणिपुर के कुछ मेईतेई समूहों पर भी जुंटा के साथ होने का आरोप लगा है.
म्यांमार के सैन्य शासन के विरोध में गठित नेशनल यूनिटी गवर्मेंट के कार्यकारी अध्यक्ष दुवा लाशी ला ने एक ही समय में पूरे देश के हर गांव, क़स्बे और शहर में विद्रोह का आह्वान किया. म्यांमार सेना ने एक फरवरी को आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार का तख़्तापलट कर दिया था, जिसके बाद लोकतंत्र के समर्थक व्यापक प्रदर्शन कर रहे हैं.