सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एक ज़िला जज के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर एक व्यक्ति को दस दिन की क़ैद की सज़ा दी गई थी. शीर्ष अदालत ने याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि मनचाहा आदेश न मिलने का अर्थ यह नहीं है कि न्यायिक अधिकारी को बदनाम करें.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिलक़ीस बानो की वकील को आश्वासन दिया है कि उनकी याचिका सुन रही पीठ से जस्टिस बेला त्रिवेदी के अलग होने के चलते नई पीठ गठित कर जल्द ही मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा.
बिलक़ीस बानो के बलात्कार के दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका से अलग होने से पहले जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने बिलक़ीस द्वारा गुजरात सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं की सुनवाई से भी ख़ुद को अलग किया था. त्रिवेदी 2004 से 2006 तक गुजरात सरकार की क़ानून सचिव रही हैं.