शीर्ष अदालत में पांच जजों की पीठ में से चार ने आधार को संवैधानिक ठहराया, वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आधार अधिनियम पूर्ण रूप से असंवैधानिक है और इससे लोगों की निजता का उल्लंघन होता है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह सरकार की इस दलील से सहमत नहीं है कि आधार क़ानून को लोकसभा अध्यक्ष ने धन विधेयक (मनी बिल) बताने का सही निर्णय किया.