फर्ज़ी ख़बरों के दौर में पत्रकारों का अनदेखियां दर्ज करना पहले से ज़्यादा ज़रूरी: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता तब तक सुरक्षित रहेगी, जब तक पत्रकार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई से डरे बिना सत्ता से सच कह सकते हैं.

दूसरों के विचार स्वीकारने और सहिष्णु होने का मतलब अंध सहमति जताना नहीं होता: जस्टिस चंद्रचूड़

गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसे रास्ते निकाले जाएं, जिनमें क़ानूनों को बेहतर और न्यायसंगत बनाने के लिए उन पर पुनर्विचार और उन्हें पुनर्भाषित किया जा सके.

डाबर का ‘करवा चौथ’ वाला विज्ञापन ‘जनता की असहिष्णुता के चलते वापस लिया गया: जस्टिस चंद्रचूड़

‘विधि जागरूकता के ज़रिये महिलाओं का सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के उद्घाटन में वर्चुअल तरीके से शामिल सुप्रीम कोर्ट जज डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जागरूकता केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं है. महिलाओं को अधिकारों से वंचित करने का समाधान तलाशना है तो उसके पैदा होने की मानसिकता को बदलना होगा.

सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट जजों को निर्देश, कहा- तथ्यों के साथ स्पष्ट फ़ैसले लिखें

शीर्ष अदालत ने हत्या के एक मामले में आरोपियों को ज़मानत दिए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को ख़ारिज करते हुए कहा कि निर्णय लिखना एक कला है, जिसमें क़ानून और तर्क का कुशल समावेश होता है. हमारे सामने कई ऐसे फ़ैसले आए हैं जिनमें तथ्यों, तर्कों व निष्कर्षों पर स्पष्टता का अभाव है और कई बार यह समझना बहुत मुश्किल होता है कि न्यायाधीश फ़ैसले के माध्यम से क्या बताना चाहते हैं.

अगर एनपीए की चिंता है तो छोटे देनदार नहीं, बड़े कारोबारी क़र्ज़दारों के पीछे जाएं बैंक: कोर्ट

केनरा बैंक ने तिरुचिरापल्ली की सोशल सर्विस सोसाइटी को 48.8 लाख रुपये की राशि, जो 1994-95 में 1,540 लोगों को क़र्ज़ दी गई थी, को चुकाने के लिए उत्तरदायी बनाने का अनुरोध किया था, जिसे मद्रास हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था. बैंक ने इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिसने हाईकोर्ट का निर्णय बरक़रार रखा.

बहुसंख्यकवादी प्रवृत्तियां जब भी सिर उठाती हैं, उस पर सवाल उठाया जाना चाहिए: जस्टिस चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि अधिनायकवाद, नागरिक स्वतंत्रता पर रोक, लैंगिकवाद, जातिवाद, धर्म या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव खत्म करना, पवित्र वादा है, जो भारत को संवैधानिक गणराज्य के रूप में स्वीकार करने वाले हमारे पूर्वजों से किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में अब सिर्फ एक महिला जज का होना चिंतित करने वाला: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की विविधता अदालतों में भी झलकनी चाहिए. वैविध्य भरी न्यायपालिका लोगों में अधिक विश्वास की भावना लाती है.

सुप्रीम कोर्ट ने आधार फ़ैसले की समीक्षा की याचिकाएं ख़ारिज कीं, जस्टिस चंद्रचूड़ ने असहमति जताई

सितंबर 2018 में केंद्र सरकार की आधार योजना को लेकर दिए अपने फ़ैसले की समीक्षा के अनुरोध वाली याचिकाओं को बहुमत से ख़ारिज करते हुए पीठ ने कहा कि इसकी ज़रूरत नहीं है.

अर्णब गोस्वामी बनाम अन्य: क्या सुप्रीम कोर्ट की नज़र में सभी नागरिक समान नहीं हैं?

हाल ही में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को ज़मानत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट एवं ज़िला न्यायालयों को निर्देश दिया कि वे बेल देने पर जोर दें, न कि जेल भेजने में. सवाल ये है कि क्या ख़ुद शीर्ष अदालत हर एक नागरिक पर ये सिद्धांत लागू करता है या फिर रसूख वाले और सत्ता के क़रीबी लोगों को ही इसका लाभ मिल पा रहा है?

सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब की अंतरिम ज़मानत अवधि बढ़ाई, कहा बेल याचिकाओं पर विचार करें कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने अर्णब गोस्वामी मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट एवं ज़िला अदालतों को निर्देश दिया है कि लंबित ज़मानत याचिकाओं की समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल क़दम उठाएं और इस संबंध में अपने फैसलों में जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार को पर्याप्त महत्व दें.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अपील ख़ारिज की, कहा- अपलोड होने के बाद ही प्रभावी होंगे ई-गजट

सीमा शुल्क अधिनियम से जुड़े एक मामले में केंद्र सरकार का कहना था कि किसी अधिसूचना को ई-गजट पर अपलोड होने के समय से ही प्रभावी माना जाना चाहिए, जिस पर शीर्ष अदालत ने असहमति ज़ाहिर की है.

अवमानना क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली गई, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की छूट दी

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और कार्यकर्ता एवं वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर कर अदालत की अवमानना क़ानून, 1971 को चुनौती दी थी और कहा था कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समानता के अधिकार का उल्लंघन है.

अवमानना क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका को जस्टिस चंद्रचूड़ और जोसेफ़ की पीठ से हटाया गया

सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और कार्यकर्ता एवं वकील प्रशांत भूषण की तरफ से दायर याचिका के संबंध में अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है कि इस मामले को जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ के सामने क्यों सूचीबद्ध नहीं किया गया?

कोरोना संकट हाशिये के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा की ज़रूरत को दर्शाता है: जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इन लोगों ने पिछले 70 सालों से इंतज़ार किया है. अब इन्हें और इंतज़ार करने के लिए नहीं कहा जा सकता है. हाशिये पर पड़े लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सार्वजनिक अधिकार सुनिश्चित करने की ज़रूरत है.

कोरोना वायरस महामारी के दौरान बेघर हुई महिला को चार लाख रुपये दे परिवार: सुप्रीम कोर्ट

पति की साल 2017 में मौत हो जाने के बाद परिवार से अलग रह रही महिला ने शीर्ष न्यायालय का रुख़कर वित्तीय राहत और संरक्षण का निर्देश देने का अनुरोध किया है.