दिल्ली: यूएपीए के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ एकजुट हुए बुद्धिजीवी, राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई की मांग

9 नवंबर, 2024 को ‘कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप’ (सीसीजी) ने दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया था, जिसमें राजनीतिक क़ैदियों के अधिकार, यूएपीए और पीएमएलए और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और न्यायपालिका की भूमिका पर चर्चा की गई.

असहमत होने का अर्थ ‘एंटी नेशनल’ होना बिल्कुल नहीं है, जो आज बना दिया गया है: जस्टिस लोकुर

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुए एक कार्यक्रम में विभिन्न प्रेस संगठनों ने पत्रकारिता को दबाव मुक्त रखने का आह्वान किया. यहां मौजूद न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने कहा कि मीडिया के पास लोगों तक सच पहुंचाने की ज़िम्मेदारी और आज़ादी, दोनों होने चाहिए.

मास्टर ऑफ रोस्टर पर जजों और वकीलों ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के रिमोट कंट्रोल से चलने की धारणा बनी है

द वायर और लाइव लॉ के सहयोग से कैंपेन फॉर ज्युडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स द्वारा आयोजित एक सेमिनार में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन लोकुर ने कहा कि आज की तारीख़ में ऐसी धारणा बन चुकी है कि अगर कोई केस फलां पीठ के समक्ष गया है, तो नतीजा क्या होगा.

अतीक़ अहमद के हत्यारों के तार किससे जुड़े हैं?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में बीते 15 अप्रैल की देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इससे पहले बीते 13 अप्रैल को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान अतीक़ के बेटे असद अहमद और एक अन्य व्यक्ति को मार दिया गया था.

अतीक़ और अशरफ़ की हत्या पुलिस की भूमिका पर संदेह खड़ा करती है: जस्टिस लोकुर

अतीक़ अहमद और अशरफ़ की हत्या को लेकर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि 'पुलिस एनकाउंटर में मौत के मामले पहले भी हुए हैं, लेकिन शायद यह पहली बार है जब पुलिस हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को किसी तीसरे शख़्स ने मार दिया.'

न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीनने का कोई भी प्रयास लोकतंत्र पर हमला होगा: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर ने न्यायपालिका के साथ सरकार के बढ़ते टकराव पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा और लोकतंत्र का आधार है. सरकार क़ानून या संवैधानिक संशोधन के माध्यम से इसे किसी भी तरह वापस नहीं ले सकती है.

कॉलेजियम बहुसदस्यीय है और उसके संभावित फैसले को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी. लोकुर के एक साक्षात्कार का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 12 दिसंबर, 2018 को एक बैठक के दौरान हाईकोर्ट के दो मुख्य न्यायाधीशों को पदोन्नत करने का निर्णय उनके सेवानिवृत्त होने के बाद बदल दिया गया था. भारद्वाज ने बैठक में हुई चर्चा को सार्वजनिक करने की मांग की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया.

पूर्व जजों का कॉलेजियम की चर्चाओं पर टिप्पणी करना फैशन बन गया है: सुप्रीम कोर्ट

आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की 2018 में हुई एक कॉलेजियम की बैठक का विवरण मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली कुछ ऐसे लोगों के बयानों के आधार पर बेपटरी नहीं की जानी चाहिए जो ‘दूसरों के कामकाज में ज्यादा दिलचस्पी रखते हों.’

अंतरराष्ट्रीय विद्वानों ने सुप्रीम कोर्ट से अपने हालिया फैसलों पर पुनर्विचार करने के लिए कहा

इन अंतरराष्ट्रीय विद्वानों ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीनचिट को चुनौती देने वाली दिवंगत कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और उसकी टिप्पणी की ओर ध्यान आकर्षित किया है.

ज़ुबैर की ज़मानत ख़ारिज होने पर क़ानूनविदों ने उठाए सवाल, कहा- और कितना नीचे गिरेगी न्याय व्यवस्था

दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए फैक्ट-चेकर मोहम्मद ज़ुबैर पर दर्ज मामले और उनकी हिरासत को लेकर नज़र आ रहीं स्पष्ट ख़ामियों पर सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश, एक उच्च न्यायालय के जज और वकीलों ने सवाल उठाए हैं.

यूएपीए का प्रावधान राजद्रोह से भी ज्यादा ख़तरनाक: जस्टिस मदन बी. लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने राजद्रोह क़ानून को लेकर शीर्ष अदालत के हालिया आदेश को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इस क़ानून में कुछ अपवाद थे जहां राजद्रोह के आरोप लागू नहीं किए जा सकते पर यूएपीए की धारा 13 के तहत कोई अपवाद नहीं हैं. यदि यह प्रावधान बना रहता है, तो यह बद से बदतर स्थिति में जाने जैसा होगा.

मीडिया पर कई प्रकार से हमले हो रहे, पत्रकारों को इसकी रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज करने और उन्हें उनका काम करने के लिए गिरफ़्तार करने समेत कई घटनाओं से मीडियाकर्मियों पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ता है, जिससे वे ज़रूरत से ज़्यादा सावधान होकर काम करने लगते हैं.

अमेरिकी संस्थान ने की ‘मुठभेड़ों’ में हुईं हत्याओं को लेकर योगी आदित्यनाथ पर कार्रवाई की मांग

अमेरिका के वकीलों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ग्वेर्निका 37 ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग को सौंपे निवेदन में मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह व कानपुर एसपी संजीव त्यागी के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों का हनन करने के चलते वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाएं.

आरटीआई क़ानून पर जस्टिस लोकुर ने चिंता जताई, कहा- कोई नहीं जानता पीएम केयर्स फंड कहां जा रहा

आरटीआई क़ानून की 16वीं वर्षगांठ के मौक़े पर एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर ने कहा कि एक लोकतांत्रिक गणराज्य के कामकाज के लिए सूचना महत्वपूर्ण है. इसका उद्देश्य सुशासन, पारदर्शिता व जवाबदेही को स्थापित करना है. पीएम केयर्स फंड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस पर आरटीआई एक्ट लागू न होने के चलते नागरिकों को पता ही नहीं है कि इसका पैसा कहां जा रहा है.

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