जघन्य अपराधों के हर मामले में किशोर मुजरिमों को सज़ा-ए-मौत उचित नहीं: जस्टिस लोकुर

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बच्चों और किशोरों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालतों को संवेदनशील बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा हम इस देश में यूं बर्बर नहीं हो सकते.

चीफ जस्टिस ही मास्टर ऑफ रोस्टर, इसमें कोई संदेह नहीं: सुप्रीम कोर्ट

चीफ जस्टिस द्वारा मामलों के आवंटन पर पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की याचिका पर जवाब देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीजेआई की भूमिका समकक्षों के बीच प्रमुख की होती है, उन्हें विभिन्न पीठों को मामले को आवंटित करने का विशेषाधिकार होता है.

सुप्रीम कोर्ट के आधे जजों ने नहीं किया वेबसाइट पर अपनी संपत्ति का ख़ुलासा

वर्ष 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक प्रस्ताव के तहत शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति का खुलासा करने के लिए अनिवार्य किया गया था.

न्यायमूर्ति जोसेफ की नियुक्ति की मांग लेकर सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

महाराष्ट्र के सेवानिवृत न्यायाधीश जीडी इनामदार ने अपनी याचिका में आग्रह किया गया है कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम को पदोन्नति से अलग करने के केंद्र के अवैध और असंवैधानिक कदम को रद्द किया जाए.

कॉलेजियम की बैठक रही बेनतीजा, जस्टिस जोसेफ की पदोन्नति के मामले में फैसला टला

कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति केएम जोसेफ को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी. सरकार ने उनके नाम पर फिर से विचार करने का कहकर फाइल लौटा दी थी.

बलात्कार पीड़िता की पहचान के खुलासे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मृतक की भी गरिमा होती है

उच्चतम न्यायालय ने कहा, 'मीडिया रिपोर्टिंग पीड़ित का नाम लिए बगैर भी की जा सकती है. भले ही पीड़ित नाबालिग या विक्षिप्त हो तो भी उसकी पहचान का खुलासा नहीं करना चाहिए.'

महिला कोई संपत्ति या वस्तु नहीं है, पति उसे साथ रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर आपराधिक केस की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की है.

क्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीन रही है मोदी सरकार?

केंद्र सरकार पर न्यायिक नियुक्तियों को प्रभावित करने के आरोप लग रहे हैं. बीते कुछ सालों में हुई नियुक्तियों पर गौर करें तो ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं जो भविष्य की एक ख़तरनाक तस्वीर बनाते हैं.

संविधान सबसे बड़ी लोक नीति, इसका आदर करना चाहिए: न्यायमूर्ति चेलमेश्वर

न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्होंने हाल ही में मामलों के आवंटन समेत कई समस्याओं को उठाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

बार काउंसिल ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में संकट नहीं, जबकि अटॉर्नी जनरल को संकट जल्द सुलझने उम्मीद

सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों से की भेंट. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी मामले के एक हफ़्ते में सुलझने की उम्मीद जताई.

प्रमुख मुद्दों की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन, सीजेआई की आलोचना करने वाले जज शामिल नहीं

सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में हुआ पीठ का गठन. 17 जनवरी को पीठ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई शुरू करेगी.

‘विधिशास्त्र में स्थापित है कि प्रधान न्यायाधीश अन्य न्यायाधीशों के ही बराबर होते हैं’

प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले न्यायाधीशों में से एक जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि न्याय और न्यापालिका के हित में यह क़दम उठाया.