दिवंगत न्यायाधीश जस्टिस मोहन शांतानागौदर को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था कई बार आम आदमी के लिए कई अवरोध खड़े कर देती है. अदालतों के कामकाज और कार्यशैली भारत की जटिलताओं से मेल नहीं खाते. हमारी प्रणालियां, प्रक्रियाएं और नियम मूल रूप से औपनिवेशिक हैं और ये भारतीय आबादी की ज़रूरतों से पूरी तरह मेल नहीं खाते.