मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि वह नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए 24 जनवरी 2019 को उच्च स्तरीय समिति की बैठक में भाग ले रहे हैं, इसलिए वे इस मामले में सुनवाई के लिए पीठ का हिस्सा नहीं हो सकते हैं.
उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण फैसले और प्रस्ताव मुख्य न्यायाधीश द्वारा कॉलेजियम की सहमति दरकिनार करते हुए मनमाने और अनौपचारिक तरीके से लिए जा रहे हैं.
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण द्वारा लोकपाल के लिए प्रस्तावित नामों की सूची को वेबसाइट पर डालने की मांग को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने किया खारिज. कहा, मामले में हो रही प्रगति को सकारात्मक नजरिए से देखें.
सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों द्वारा बुलाई गई अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि तब उन्हें और बाकी जजों को ऐसा लगा था कि मामलों का आवंटन राजनीतिक दुर्भावना से किया जा रहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को जजों द्वारा जजों की नियुक्ति की 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले एनजेएसी क़ानून, 2014 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया था.
देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस रंजन गोगोई. जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 13 महीने से थोड़ी अधिक अवधि का होगा और वह 17 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत होंगे.
देश के मनोनीत प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हमें क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या कहना चाहिए, क्या पढ़ना और सोचना चाहिए, ये सब अब हमारी निजी ज़िंदगी के छोटे और महत्वहीन सवाल नहीं रह गए है.
जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका में शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों जिसमें जस्टिस गोगोई भी शामिल थे, की 12 जनवरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को आधार बनाया गया था.
मौजूदा मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद तीन अक्टूबर को रंजन गोगोई अपना पदभार ग्रहण करेंगे. इस पद पर पहुंचने वाले गोगोई पूर्वोत्तर के पहले शख्स हैं.
प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल दो अक्टूबर को पूरा हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की है.
चीफ जस्टिस द्वारा मामलों के आवंटन पर पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण की याचिका पर जवाब देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि सीजेआई की भूमिका समकक्षों के बीच प्रमुख की होती है, उन्हें विभिन्न पीठों को मामले को आवंटित करने का विशेषाधिकार होता है.
वर्ष 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित एक प्रस्ताव के तहत शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति का खुलासा करने के लिए अनिवार्य किया गया था.
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की किताब के विमोचन के अवसर पर जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम आज जो करेंगे उसका असर हमारे बच्चों पर पड़ेगा.
कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति केएम जोसेफ को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी. सरकार ने उनके नाम पर फिर से विचार करने का कहकर फाइल लौटा दी थी.
जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन बी लोकुर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लिखा पत्र.