लोकसभा में केंद्र सरकार से सवाल किया गया था कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून को औपनिवेशिक क़रार दिया है और इसकी वैधता पर सरकार से जवाब मांगा है. इसके जवाब में केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के किसी फैसले या आदेश में ऐसी टिप्पणी नहीं है. हालांकि बीते जुलाई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून पर चिंता जताते हुए सरकार से पूछा था कि आज़ादी के 75 साल बाद इसे बनाए रखना
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने कहा कि शायद यही वजह है कि इन दमनकारी क़ानूनों के चलते बोलने की आज़ादी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है. यदि आप इन कानूनों के तहत पत्रकारों समेत तमाम लोगों को गिरफ़्तार कर रहे हैं, तो लोग अपने मन की बात नहीं कह पाएंगे.