एक पत्रकारिता सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि निष्पक्ष आलोचना प्रत्येक व्यक्ति और पत्रकार का अधिकार है. मुझे सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है. अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह राजद्रोह नहीं है.
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम के सभी न्यायाधीश संविधान को लागू करने वाले वफ़ादार सैनिक हैं. जब हम ख़ामियों की बात करते हैं, तो हमारा समाधान है- मौजूदा व्यवस्था के भीतर काम करना.
पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने एक कार्यक्रम में कहा कि हाल के दिनों में गिरफ़्तारियां स्वाभाविक रूप से, बार-बार और बिना किसी कारण के की जा रही हैं. गिरफ़्तारी यह देखे बिना की जाती है कि क्या इसकी आवश्यकता है. दीवानी विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में पेश किया जाता है और यह न्यायिक प्रणाली पर बोझ डालता है.
भारत के पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने जजों की नियुक्ति करने वाली कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना करने वाली केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणियों पर कहा कि वो उनके निजी विचार हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार चाहे तो एनजेएसी अधिनियम वापस ला सकती है लेकिन बदलाव क़ानून के अनुरूप होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्हें यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि उन्होंने और जस्टिस यूयू ललित (वर्तमान सीजेआई) ने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पर कब्ज़ा करने के केरल सरकार के प्रयासों को रोक दिया था.
तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में ‘निर्दोष लोगों को फंसाने’ के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के लिए जून में गिरफ्तार किया गया था. बीते 30 जुलाई को अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने मामले में सीतलवाड़ तथा पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिकाएं खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें यह जांचना होगा कि क्या उसे कैद की जरूरत है.
अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच में दर्ज हुई एफआईआर में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप है कि उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अन्य मंत्रियों, अफसरों और राज्य सरकार को बदनाम करने की साज़िश रची थी. बीते 30 जुलाई को हाईकोर्ट उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर चुका है.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने गुजरात के भुज में एक कानूनी सेवा शिविर और जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी शिक्षा समावेशी नहीं है. कुछ गांवों और बड़े शहरों में जो शिक्षा प्रदान की जाती है, उनकी गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है. हमें इन सब पर विचार करना चाहिए. जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, सतत विकास मानकों के अनुसार शिक्षा के मामले में हम कमज़ोर रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट आंध्र प्रदेश सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा राज्य में संवैधानिक संकट होने या नहीं होने की जांच करने का आदेश दिए जाने को चुनौती दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दर्ज तीन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने न केवल न्यायपालिका के ख़िलाफ़ आरोप लगाते हुए सीजेआई को पत्र लिखा, बल्कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में झूठे बयान भी दिए.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार के 2018 के उस क़ानून को बरक़रार रखा जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति एवं वरिष्ठता क्रम में आरक्षण की व्यवस्था की गई है.
एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि वकील जजों को निशाना बनाकर इस संस्था को ही ख़त्म कर रहे हैं.