एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को 'व्यवस्थित करने' और कोविड महामारी के बाद छात्रों पर से पठन सामग्री का भार 'कम' करने का हवाला देते हुए एक विशेषज्ञ समिति ने पाठ्यपुस्तकों से जाति, जाति विरोधी आंदोलन, साहित्य और राजनीतिक परिघटनाओं से जुड़े कई मौलिक उल्लेखों को हटा दिया है.
दुनिया में लगातार विकसित और मुखर हो रही नारीवादी सोच की ठोस बुनियाद सावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिबा ने मिलकर डाली. दोनों ने समाज की कुप्रथाओं को पहचाना, विरोध किया और उनका समाधान पेश किया.
लोहिया ने नेहरू जैसे प्रधानमंत्री को यह कहकर निरुत्तर कर दिया था कि आम आदमी तीन आने रोज़ पर गुज़र करता है, जबकि प्रधानमंत्री पर रोज़ाना 25 हज़ार रुपये ख़र्च होते हैं.
किसी समय ब्राह्मणों की राजसत्ता में हमारे पूर्वजों पर जो भी कुछ ज़्यादतियां हुईं, उनकी याद आते ही हमारा मन घबरा कर थरथराने लगता है.