मध्य प्रदेश विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक पर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने वाले भाजपा के दोनों विधायक पूर्व में कांग्रेसी नेता रहे हैं और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा के इन दोनों विधायकों ने कहा कि यह उनकी ‘घर वापसी’ है.
भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार का शक्ति परीक्षण कराने की मांग की है. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वह उनकी सरकार शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है.
एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी रैली में व्यापमं घोटाले की जांच कराने की बात करते हैं, तो दूसरी ओर पार्टी ने इंदौर लोकसभा सीट से उन पंकज संघवी को प्रत्याशी बनाया है जिन पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मालवांचल की आठ सीटों- देवास, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम और उज्जैन पर 19 मई को मतदान है. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने ये सभी सीटें जीतकर इतिहास रचा था, लेकिन विधानसभा चुनावों में पार्टी को इस क्षेत्र से ज़ोरदार झटका लगा था.
कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नामांकन दाख़िल किया. इनकी संपत्ति कमलनाथ और उनकी पत्नी अलका नाथ की संपत्ति से पांच गुना अधिक है.
कम्प्यूटर बाबा समेत पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज चौहान सरकार के फैसले की कांग्रेस ने की थी आलोचना.
शिवराज सिंह चौहान बोले कांग्रेस का यह परंपरा तोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण. मुख्यमंत्री कमलनाथ का पलटवार, महीने में एक बार केवल वंदे मातरम गाना किसी की देशभक्ति का सबूत नहीं.
15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस आई कांग्रेस का इस बार विंध्य क्षेत्र में सबसे ख़राब प्रदर्शन रहा. उसे वहां 30 में से मात्र 6 सीटें मिली जबकि भाजपा को 24 सीटें. इस क्षेत्र से कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता अजय सिंह और राजेंद्र सिंह हार गए थे.
अकाली दल ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग की. अकाली दल ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया तो उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के 99 में से 25 विधायकों, भाजपा के 73 में से 12 विधायकों और बसपा के छह में से दो विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कमलनाथ को हाथों में होगी मध्य प्रदेश की कमान. मध्य प्रदेश 18वें मुख्यमंत्री बनने वाले कमलनाथ 17 दिसंबर को लेंगे शपथ.
इस विधानसभा चुनाव में जितनी अधिक सीटें कांग्रेस ने पाई हैं, उतनी ही संख्या में भाजपा ने सीटें गंवाई हैं. पिछले चुनावों में कांग्रेस को 58 और भाजपा को 165 सीटें मिली थीं. इस बार कांग्रेस की सीटों में 56 की बढ़ोतरी हुई है. उसकी सीटें 114 हो गई हैं. वहीं, भाजपा की सीटें 56 कम होकर 109 रह गई हैं.
इन 10 सीटों में से 7 कांग्रेस ने जीतीं और 3 भाजपा ने. बहुमत से 7 सीट दूर रही भाजपा अगर इन पर जीत दर्ज कर लेती तो तस्वीर कुछ और होती.
230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के कई दिग्गजों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के मंत्रिमंडल में उन्हें मिलाकर कुल 32 मंत्री थे, जिनमें से 27 ने चुनाव लड़ा था. 14 मंत्री अपनी सीट बचाने में सफल रहे. इनमें से कई काफी जद्दोजहद के बाद जीत दर्ज कर सके.