विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ाने वाले गेस्ट लेक्चरर भोपाल के शाहजहांनी पार्क में कांग्रेस सरकार की ‘वादाख़िलाफ़ी’ के विरोध में 10 दिसंबर 2019 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ कई बार प्रदेशाध्यक्ष का पद छोड़ने की बात कह चुके हैं. लेकिन सरकार बनने के लगभग साल भर बाद भी पार्टी को नया प्रदेशाध्यक्ष नहीं मिला है.
15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता पर क़ब्ज़ा जमाने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 सीटों में से सिर्फ़ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी.