मध्य प्रदेश: पहले चरण के मतदान में कौन किस पर भारी?

भोपाल में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के बीच मुकाबला इतना हाई प्रोफाइल हो गया है कि राज्य की अन्य सीटों पर चुनावी चर्चा ग़ायब हो गई है, जबकि प्रदेश में पहले चरण के मतदान में राज्य की राजनीति के लिहाज़ से महत्वपूर्ण कई सीटें शामिल हैं.

क्या भाजपा मध्य प्रदेश में फिर से 2014 का प्रदर्शन दोहराने की स्थिति में है?

राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं. कांग्रेस 20 से अधिक सीटों पर तो भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन दोनों के दावे हक़ीक़त से कोसों दूर हैं.

चुनाव के दौरान निष्पक्ष और भेदभाव रहित कार्रवाई करें वित्त मंत्रालय की एजेंसियां: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय को यह सख़्त सलाह हाल में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं या उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग के मारे गए छापों के संबंध में दी है. आयोग ने कहा कि ऐसी कार्रवाई की जानकारी उसके अधिकारियों के संज्ञान में होनी चाहिए.

मध्य प्रदेशः मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के आवास सहित 50 स्थानों पर आयकर विभाग की छापेमारी

आयकर विभाग की इस छापेमारी में अभी तक नौ करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है. यह छापेमारी कमलनाथ के ओएसडी के अलावा उनके भांजे रातुल पुरी और कई करीबियों के आवासों पर की जा रही है.

मध्य प्रदेश: आदिवासियों के लिए लोकसभा चुनाव में जंगल पर अधिकार प्रमुख मुद्दा है

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में हाल ही में प्रदर्शन कर आदिवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में वन अधिकार क़ानून पर सुनवाई के दौरान उनकी सरकार मौन क्यों थी?

क्या भोपाल से चुनाव लड़ाकर दिग्विजय सिंह को बलि का बकरा बनाया जा रहा है?

35 सालों से न जीती गई भोपाल सीट पर दिग्विजय सिंह को उतारने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व से अधिक मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा बताई जा रही है. विश्लेषक मानते हैं कि दिग्विजय की हार या जीत से फायदा कमलनाथ का ही है. जीत दिग्विजय को दिल्ली पहुंचाएगी, जिससे राज्य की राजनीति में उनका हस्तक्षेप कम होगा और हार ज़ाहिर तौर पर उनका क़द कम कर देगी.

बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए नेता की हत्या, बसपा विधायक के पति के ख़िलाफ़ केस दर्ज

मध्य प्रदेश के दमोह ज़िले का मामला. बीते 12 मार्च को बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे देवेंद्र चौरसिया. पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के प​ति और देवर सहित सात लोगों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज.

मध्य प्रदेश में अब गाय ले जाने पर दो व्यक्तियों पर लगा रासुका, चिदंबरम बोले- ग़लत हुआ

राज्य के आगर मालवा ज़िले में कथित तौर पर अवैध रूप से गाय ले जाने का मामला. इससे पहले खंडवा ज़िले में गोहत्या के मामले में तीन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

मध्य प्रदेश: गोहत्या के मामले में तीन पर रासुका

खंडवा का मामला, पुलिस ने कहा संवेदनशील क्षेत्र होने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया. शिवराज सरकार में 2007-16 के बीच गोहत्या के मामले में 22 लोगों को रासुका में गिरफ़्तार किया गया था.

मध्य प्रदेश: 20 लाख की बीमा राशि के लिए संघ कार्यकर्ता ने रची थी अपनी हत्या की साज़िश

पुलिस के अनुसार, आरएसएस कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार ने अपने खेत मज़दूर की हत्या करने के बाद लाश का चेहरा बिगाड़ दिया और उसे अपने कपड़े पहना दिए थे. हत्या पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठाए थे सवाल.

आलाकमान को छींक भर आ जाए, तो मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बन जाएगी: कैलाश विजयवर्गीय

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य की कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार भाजपा की दया पर चल रही है.

मध्य प्रदेश: कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच अकाली दल का विरोध

अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी और गांधी परिवार कमलनाथ को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद का तोहफा देने जा रहे हैं.

मध्य प्रदेश: सरकार बनाने के करीब कांग्रेस, बसपा और सपा ने समर्थन दिया

भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी. मध्य प्रदेश के निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस्तीफा देते हुए कहा, 'हमें बहुमत नहीं मिला है. हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. मैं गवर्नर को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं.'

मध्य प्रदेश: कांग्रेस को 114, भाजपा को 109 सीटें मिली, कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

भाजपा से निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया इस्तीफा. प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं. किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. सपा और बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया है.