ग्राउंड रिपोर्ट: 2020 में दंगों की चपेट में रहे उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के मतदाता बंटे हुए हैं. जहां एक तबका भाजपा का परंपरागत मतदाता है, वहीं कई लोग सांप्रदायिक राजनीति से इतर स्थानीय मुद्दों पर बात कर रहे हैं. यहां भाजपा के मनोज तिवारी और 'इंडिया' गठबंधन के कन्हैया कुमार के बीच मुक़ाबला है.
कविता कृष्णन के सवालों पर चुप्पी साधते हुए सीपीआई माले के उन्हें विदा करने के बाद बहुत सारे पुराने, निष्क्रिय ‘मार्क्सवादियों’ ने इस बात के लिए दोनों की तारीफ़ की कि उन्होंने अलग होने में ‘शालीनता दिखाई.’ ज़रूरी सवालों पर चुप रह जाना शालीनता नहीं होती, बल्कि उठाए गए सवालों पर सहमति होती है.
साल 2016 में जेएनयू में हुई कथित नारेबाज़ी के मामले में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के इंतज़ार में भाकपा सदस्य अमीक जामेई अदालत के बाहर खड़े थे, तभी उन पर हमला हुआ था. भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा और दिल्ली के पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह पर इसका आरोप लगा था.
अगर राजनाथ सिंह को झूठ ही सही, सावरकर के माफ़ीनामे को स्वीकार्य बनाने के लिए गांधी की छतरी लेनी पड़ी तो यह एक और बार सावरकर पर गांधी की नैतिक विजय है. नैतिक पैमाना गांधी ही रहेंगे, उसी पर कसकर सबको देखा जाएगा. जब-जब भारत भटकता है, दुनिया के दूसरे देश और नेता हमें गांधी की याद दिलाते हैं.
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार के साथ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस से जुड़ गए हैं. बताया गया है कि विधायक होने के कारण कुछ तकनीकी मुद्दों के मद्देनज़र वे कुछ समय बाद औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे.
2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले में दिल्ली सरकार द्वारा पुलिस को आरोपियों के ख़िलाफ़ मुक़दमे की मंज़ूरी देने के क़रीब साल भर बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया है. कन्हैया कुमार के अलावा मामले में उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि इस महामारी के बीच जब कोर्ट सीमित स्टाफ के साथ काम कर रही है तो इस तरह की याचिका दायर कर कोर्ट का बहुमूल्य समय नष्ट किया जा रहा है.
वीडियो: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच स्वास्थ्य आपातकाल के दौर में विपक्ष की भूमिका क्या होनी चाहिए, इस बारे में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत पूर्व छात्रों उमर ख़ालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के ख़िलाफ़ भी आरोप-पत्र दाख़िल किया था.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की बॉलीवुड की कई हस्तियों ने निंदा की और सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि यह छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास है.
सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने बिहार के पूर्णिया में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक रैली के दौरान मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'आपके पास संसद में बहुमत हो सकता है, हमारे पास सड़क पर बहुमत है. हमें सावरकर के सपनों का नहीं, बल्कि भगत सिंह और आंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है.'
राजद्रोह का गंभीर आरोप यह बताता है कि सरकार ट्रोल्स से सहमत है कि शेहला एक ख़तरनाक इंसान हैं.
बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने कहा कि युवक ने नामजद एफआईआर दर्ज कराई है. हम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रहे हैं.
सीपीआई नेता फागो तांती ने बेगूसराय से सीपीआई प्रत्याशी कन्हैया कुमार का प्रचार भी किया था. सीपीआई नेता और पूर्व विधायक अवधेश राय ने हत्या के पीछे भाजपा का हाथ होने की आशंका ज़ाहिर की है, हालांकि भाजपा ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
LIVE लोकसभा चुनाव 2019: नागरिकता के बारे में शिकायत के बाद गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नोटिस भेजा
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