गौरी लंकेश को दफ़नाए जाने को लेकर तरह-तरह की अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं.
गौरी का अख़बार उनके तेज़तर्रार और तर्कवादी पिता की ही तरह धर्मनिरपेक्षता, दलितों, महिलाओं और समाज में पिछड़े लोगों के अधिकारों के प्रति मुखर रहता था.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा, जेएनयू का आरोप पत्र रामजस कॉलेज विवाद के मामले में प्रासंगिक नहीं है. ये दो अलग मामले हैं.
जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के ‘फ्रीडम स्क्वायर’ यानी ऐड ब्लॉक पर अब किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं हो पाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां के 100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन पर पाबंदी लगा दी है.
बीते दिनों रामजस कॉलेज में हुई हिंसा यह साफ़ दिखाती है कि अगर इस तरह की राजनीति से प्रेरित ग़ुंडागर्दी को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.