उत्तर प्रदेश की मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने ऐसे आदेश जारी किए थे कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर स्थित खान-पान की सामग्री बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर अपना और अपने कर्मचारियों के नामों का उल्लेख करना होगा. इसके कुछ दिन बाद ही उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस ने भी समान आदेश जारी कर दिए थे.
हरिद्वार की ओर जाने वाले सहारनपुर, मुज़फ़्फ़रनगर और बिजनौर मार्ग पर हज़ारों की संख्या में ढाबे हैं. जिन ढाबों के मालिक मुसलमान हैं वहां तमाम कर्मचारी हिंदू हैं और जिन ढाबों के मालिक हिंदू हैं वहां तमाम कर्मचारी मुस्लिम हैं. इस तरह लाखों लोग इस कारोबार से जुड़े हैं. आज ये सभी ढाबा संचालक तनाव में आ गए हैं.
पुलिस कहती है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर दुकानों के ऐसे नाम रखे जिनसे कांवड़ियों को भ्रम हो गया. क्या पुलिस को ऐसा कोई मामला मिला जिसमें कांवड़ियों को मुसलमानों ने मोमो में बंदगोभी की जगह कीमा खिला दिया? क्या कांवड़िए शाकाहार मांग रहे थे और उन्हें मांस की कोई वस्तु बेच दी गई?