प्रस्तावित क़ानून में कहा गया है कि कि ग़लतबयानी, बल, कपट, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या विवाह के आधार पर धर्म परिवर्तन प्रतिबंधित है. मसौदा क़ानून में ये प्रावधान है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदायों, नाबालिगों और महिलाओं का जबरन धर्मांतरण कराने पर अधिकतम 10 साल की सज़ा हो सकती है.