बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद प्रशासन द्वारा कई राजनीतिक और अलगाववादियों नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई थी.
इससे पहले 17 फरवरी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक के साथ चार अन्य अलगाववादी नेताओं शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की सुरक्षा वापस ले ली थी.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के अलावा शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की भी सुरक्षा वापस ले ली है.
अलगाववादी नेता ने कहा, उदारवादी अलगाववादियों की दिक्कत यह है कि भारत कश्मीर समस्या को पूरी तरह पाकिस्तान की देन मानता है और इसे सीमापार आतंकवाद के ऩजरिये से देखता है.