ब्रिटेन की स्कॉलर को एयरपोर्ट पर उतरते ही निर्वासित किया, अधिकारी बोले- दिल्ली से आदेश है

लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी की प्रमुख निताशा कौल को कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु में आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. कौल का कहना है कि जब वह 23 फरवरी को बेंगलुरु हवाई अड्डे पहुंचीं, तो उन्हें ‘होल्डिंग सेल’ में 24 घंटे रखने के बाद बिना कारण बताए लंदन भेज दिया गया.

जम्मू-कश्मीर: प्रशासन का कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने का आदेश, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता वाले जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि कुछ कर्मचारी कुछ मांगों के पक्ष में प्रदर्शन और हड़ताल का सहारा ले रहे हैं. कर्मचारियों द्वारा कोई भी प्रदर्शन और हड़ताल ‘गंभीर अनुशासनहीनता और कदाचार का काम’ है.

जम्मू कश्मीर असेंबली में पीओके विस्थापित-कश्मीरी प्रवासी के लिए सीट आरक्षित करने की तैयारी

केंद्र सरकार संसद में जम्मू कश्मीर से जुड़े चार संवैधानिक संशोधन पेश करने वाली है, जिनमें एक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 भी है. इसमें प्रावधान किया गया है कि 114 सदस्यीय केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में दो सीटें 'कश्मीरी प्रवासियों' के लिए और एक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के विस्थापितों के लिए आरक्षित की जाएंगी.

राजौरी में सात नागरिकों की हत्या मामला: पीड़ित परिवारों ने पलायन करने की चेतावनी दी

इस साल 1-2 जनवरी को जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले के ऊपरी डांगरी गांव में आतंकवादियों द्वारा सात नागरिकों की हत्या मामले में जांच में कोई प्रगति न होने से पीड़ित परिवारों ने नाराज़गी जताई है. परिवारों ने मुआवज़ा राशि और मृतक आश्रित नौकरी छोड़ने की भी बात कही है.

जम्मू: तबादले की मांग कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रदर्शन वेतन रोके जाने के बाद ख़त्म

मई 2022 से कश्मीर में बढ़े लक्षित हत्याओं के मामलों के बाद से प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित घाटी से तबादले की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 4 मार्च को प्रदर्शन ख़त्म करते हुए उन्होंने कहा कि कई महीनों से वेतन रोके जाने से वे आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं और अब उनके पास प्रशासन के आगे 'सरेंडर' करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

‘घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा अब कश्मीरी मुसलमान करेंगे’

वीडियो: बीते 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर ​दी गई थी. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर लगातार की जा रही हत्या के विरोध में यहां के लोगों में आक्रोश है.

एक और हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने घाटी से ट्रांसफर करने की मांग दोहराई

बीते सोमवार को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले प्रदर्शनकारी जम्मू में राहत आयुक्त के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन इलाके में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया.

जम्मू कश्मीर: एक और कश्मीरी पंडित की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या की

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में हुई आतंकी घटना. मृतक की पहचान संजय कुमार शर्मा की रूप में हुई. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के बाद प्रशासन द्वारा उनके घर को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की जा रही थी. अचन में संजय का अकेला कश्मीरी पंडित परिवार है, जो घाटी में सशस्त्र विद्रोह शुरू होने पर यहां वापस आ गया था.

जम्मू कश्मीर: राजौरी आतंकी हमले के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने कैंडल मार्च निकाला

जम्मू कश्मीर में राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में बीते रविवार को आतंकवादियों ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कुछ घंटों बाद सोमवार सुबह एक घर में एक आईईडी फट गया, जिसमें दो नाबालिग मारे गए थे.

जम्मू: आतंकियों द्वारा कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की ‘हिटलिस्ट’ जारी करने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

बीते दिनों आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के विवरण वाली एक सूची जारी करते हुए धमकी दी गई है. इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जानकारियां लीक होने के मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है.

जम्मू: पलायन करने वाले कश्मीरी पंडित परिवारों ने प्रशासन से उन्हें ‘प्रवासी’ दर्जा देने को कहा

आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बीच दक्षिण कश्मीर के चौधरीगुंड गांव से जम्मू पहुंचे 13 परिवारों ने प्रशासन से उन्हें ‘प्रवासी’ के रूप में पंजीकृत करने की मांग की है. उनका कहना है कि असुरक्षा के चलते उन्होंने अपना गांव छोड़ दिया है और यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनका पंजीकरण करे.

कश्मीर: बढ़ते आतंकी हमलों के बाद शोपियां के दस कश्मीरी पंडित परिवारों ने घर छोड़ा

आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र दक्षिण कश्मीर के शोपियां ज़िले के 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण अपने घर छोड़कर जम्मू पहुंचे हैं. उनका आरोप है कि सुरक्षा मुहैया कराने की निरंतर गुहार के बावजूद उनके गांव से बहुत दूर एक पुलिस चौकी बनाई गई है.

जम्मू कश्मीर: एक और कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या, विरोध में उतरे कश्मीरी पंडित कर्मचारी

कश्मीर ज़ोन पुलिस के मुताबिक, आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट पर तब गोली चलाई, जब वह शोपियां में बगीचे की तरफ जा रहे थे. उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों में राजमार्ग को अवरुद्ध करके प्रदर्शन किया.

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हड़ताल कर रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए

बीते 12 मई को बडगाम ज़िले के चादूरा तहसील कार्यालय में कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की उनके दफ्तर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद घाटी से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

कश्मीरी पंडितों के कथित नरसंहार के संबंध में संगठन केंद्र व जम्मू कश्मीर सरकार को ज्ञापन देंगे

प्रवासी कश्मीरी पंडितों के चार प्रमुख संगठनों की ओर से कहा गया है कि न्याय के मुद्दों और मांगों को लेकर सरकार से तुरंत संपर्क किया जाएगा. कश्मीर के हिंदुओं के नरसंहार को नकारने में योगदान देने वाली कोई भी नीति वास्तव में मानवता के ख़िलाफ़ अपराध है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.

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