हम असफल और डरपोक प्रेमियों के समाज में रहते-रहते हत्यारे हो चुके हैं जिस समाज में प्रेम के ख़िलाफ़ इतने सारे तर्क हों, उस समाज को अंकित की हत्या पर कोई शोक नहीं है, वह फ़ायदे की तलाश में है.05/02/2018