छत्तीसगढ़ में अचानक सांप्रदायिक घटनाएं क्यों बढ़ गई हैं?

छत्तीसगढ़ में बेमेतरा ज़िले के बिरनपुर गांव में हुई कथित सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़ हिंदू संगठनों ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था. इस दौरान जगदलपुर में बस्तर क्षेत्र के भाजपा नेताओं और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में मुसलमानों और ईसाइयों के आर्थिक बहिष्कार का संकल्प लेता वीडियो सामने आया है.

छत्तीसगढ़: एक महीने से लापता आरटीआई कार्यकर्ता का कंकाल मिला, सरपंच समेत चार गिरफ़्तार

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि आरोपी सरपंच ने पूछताछ में स्वीकार किया कि 12 नवंबर की रात आरटीआई कार्यकर्ता से विवाद हो गया था और सिर पर डंडे से वार से उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद आरोपियों ने शव जंगल में ले जाकर जला दिया और उनकी मोटरसाइकिल के टुकड़े कर ज़मीन में गाड़ दिया गया था.

छत्तीसगढ़: कवर्धा हिंसा मामले में भाजपा सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे व कई नेताओं पर केस दर्ज

पुलिस ने बताया कि 5 अक्टूबर को प्रशासन की अनुमति के बिना कवर्धा में दक्षिणपंथी संगठनों की रैली में हुई हिंसा के मामले में राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और कुछ अन्य पार्टी नेताओं समेत कम से कम एक हज़ार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

छत्तीसगढ़: हिंदू संगठनों की रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद कवर्धा में कर्फ्यू

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कबीरधाम ज़िले के मुख्यालय कवर्धा में धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर रविवार को दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी. घटना के बाद मंगलवार​​ हिंदू संगठनों ने रैली निकाली थी जिसकी अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी. इस रैली के दौरान ही हिंसा भड़क उठी.