क्या अदालत देश की रक्षा ज़रूरतों को दरकिनार कर कह सकती है कि पर्यावरण की जीत होगी: कोर्ट

केंद्र ने शीर्ष अदालत के आठ सितंबर, 2020 के आदेश में संशोधन करने की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने चारधाम राजमार्ग परियोजना के लिए निर्धारित कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने को कहा गया था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सभी विकास टिकाऊ और संतुलित होने चाहिए. 

उत्तराखंड: केदारनाथ में त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध, बिना दर्शन किए वापस लौटना पड़ा

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के केदारनाथ पहुंचने पर हेलीपैड से मंदिर के रास्ते में तीर्थ-पुरोहितों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और जमकर नारेबाज़ी करते हुए उन्हें वहां से वापस जाने को मजबूर कर दिया. रावत के कार्यकाल के दौरान चारधाम देवस्थानम बोर्ड की स्थापना के बाद से ही चार हिमालयी मंदिरों के पुरोहित इसका विरोध कर रहे हैं. 

चारधाम परियोजना: आपदाओं के बावजूद पर्यावरण से खिलवाड़ पर क्यों आमादा है केंद्र

2019 में केंद्र ने बिना पर्यावरण स्वीकृति के अपने दिए मानकों के उलट चारधाम परियोजना शुरू करवाई. जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने इससे हिमालयी पर्यावरण को क्षति पहुंचने की बात कही, तब रक्षा मंत्रालय ने बीच में आकर सड़कों को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए इनके चौड़ीकरण की मांग की है.

उत्तराखंड: चार धाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर पुरोहितों का अनिश्चितकालीन धरना

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में चारधामों सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के प्रबंधन के लिए एक अधिनियम के जरिये देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था. तीर्थ पुरोहित इसका शुरू से ही विरोध कर रहे हैं. संत नौकरशाहों की जगह मंदिर का नियंत्रण उनके हाथ में देने की मांग कर रहे हैं.

उत्तराखंड: हाईकोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी के बाद चारधाम यात्रा स्थगित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महामारी की स्थिति के बीच चारधाम यात्रा का संचालन संभव नहीं है. बीते हफ़्ते हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यात्रा संबंधी एसओपी जारी करने का निर्देश देते हुए कहा था कि चारधाम यात्रा को दूसरा कुंभ बनने नहीं दिया जा सकता.

चारधाम समिति के प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- पनबिजली प्रोजेक्ट, सड़क चौड़ीकरण से आई आपदा

चारधाम राजमार्ग परियोजना की निगरानी कर रही उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में हिमालयी पारिस्थितिकी में निर्माण कार्य से हुए नुकसान को हालिया आपदा की वजह बताया. केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसका खंडन करते हुए पत्र का जवाब दाख़िल करने की बात कही है.

चारधाम परियोजना में हुए उल्लंघनों पर सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा- लगता है क़ानून का राज ही नहीं

चारधाम परियोजना के लिए वन एवं वन्यजीव क़ानूनों के बड़े स्तर पर उल्लंघन का इशारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त उच्च अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष ने केंद्रीय पर्यावरण सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि परियोजना के कारण हिमालयी पारिस्थितिकी को बेहिसाब और दीर्घकालिक क्षति हुई.

चारधाम राजमार्ग परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की मंज़ूरी, पर्यावरण के मुद्दे पर नई समिति गठित

इस योजना के तहत यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सड़कों का चौड़ीकरण किया जाना है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पर्यावरण का ध्यान नहीं रखा गया तो केदारनाथ त्रासदी जैसी घटना दोबारा हो सकती है.

मुकेश अंबानी के बेटे अनंत बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य नियुक्त

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की घोषणा. बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर का पूरा प्रबंधन और प्रशासन यही समिति करती है.

चारधाम विकास योजना के तहत चल रही परियोजनाओं के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट की मंज़ूरी

चारधाम योजना के तहत उत्तराखंड के चार पर्वतीय धामों- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए सड़कों का चौड़ीकरण किया जाना है. पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील इन इलाकों में पेड़ों और पहाड़ों को काटने क्षति पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं.