केरल हाईकोर्ट ने एक पूर्व न्यायिक अधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए यह टिप्पणी की. इस पूर्व न्यायिक अधिकारी ने प्राचीन वस्तुओं के एक स्वयंभू विक्रेता के ख़िलाफ़ जांच के सिलसिले में न्यायालय के आदेशों के बारे में अमर्यादित और कटु टिप्पणी की थी.
हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही. इस शख़्स ने आरोप लगाया था कि उन्हें थाने में ज़ंजीर के सहारे रेलिंग से बांध दिया गया था और जब उन्होंने अपनी शिकायत की प्रति मांगी तब उन पर ड्यूटी के दौरान अधिकारी के काम में बाधा डालने का आरोप लगा दिया गया.
साल 2014 में वायनाड में एक सिविल पुलिस अधिकारी के घर पर हमला करने के मामले में 2015 में 67 वर्षीय आरोपी को गिरफ़्तार किया गया था. आरोपी तब से जेल में बंद था. एनआईए का आरोप है कि आरोपी ने नक्सली विचारधारा को बढ़ावा देने में शामिल एक समूह को हथियारों की आपूर्ति की थी.
अदालत एक 26 वर्षीय युवक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने बलात्कार के मामले में दोषसिद्धि को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसलिए कि पीड़िता आरोपी से प्रेम करती थी, यह नहीं माना जा सकता कि उसने शारीरिक संबंध के लिए सहमति दी थी.
आईवीएफ के ज़रिये गर्भधारण करने वाली एक तलाक़शुदा महिला ने केरल जन्म-मृत्यु पंजीकरण नियमावली के पिता की जानकारी देने संबंधी नियम को चुनौती दी थी. केरल हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य को ऐसी प्रक्रिया से जन्मे बच्चों के ऐसे पंजीकरण के लिए उचित फॉर्म मुहैया कराना चाहिए.
अदालत ने फैमिली कोर्ट के तलाक़ की मंज़ूरी देने के को चुनौती देने वाली एक व्यक्ति की दो अपीलें ख़ारिज करते हुए कहा कि पत्नी के शरीर को अपनी संपत्ति मानना और उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना और कुछ नहीं बल्कि वैवाहिक बलात्कार है.
केरल में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी केरल मिनरल्स एंड मेटल्स लिमिटेड में ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी के रूप में कार्यरत एक महिला ने कंपनी में सेफ्टी ऑफिसर के स्थायी पद के आवेदन के लिए जारी अधिसूचना को चुनौती दी थी. अधिसूचना में सिर्फ़ पुरुषों को ही इसके लिए आवेदन की अनुमति दी गई थी. हाईकोर्ट ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया है.
केरल हाईकोर्ट उस मामले को सुन रहा था, जहां लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली एक महिला ने अपने साथी से संबंध ख़त्म होने पर अपने बच्चे को गोद दे दिया था, पर अब दोबारा बच्चे को हासिल करना चाहती थीं. अदालत ने कहा कि जैविक माता-पिता का अधिकार एक स्वाभाविक अधिकार है.
केरल हाईकोर्ट की यह टिप्पणी उस मामले पर आई है, जहां लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली एक महिला ने अपने साथी द्वारा संबंध ख़त्म होने पर अपने बच्चे को गोद दे दिया था. अदालत ने कहा कि वह सिंगल मदर होने के नाते ऐसा करने को विवश थी. राज्य को चाहिए कि वह सिंगल मांओं की मदद के लिए सिस्टम विकसित करे.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आरोप लगाया कि राज्य के भाजपा नेता मुरलीधरन के केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री बनने के बाद से ही राजनयिक सामान के जरिये सोने की तस्करी की शुरुआत हुई. इस पर मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए तस्करी के मामलों को देखना मेरा काम नहीं है. यह सीमा शुल्क विभाग का काम है, जो वित्त मंत्रालय के तहत आता है.
एनआईए ने सोने की तस्करी के एक मामले में यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है. एजेंसी ने हाईकोर्ट में आरोपियों की ज़मानत के ख़िलाफ़ अपील की थी, जिसे ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि तस्करी से जुड़ा मामला तब तक यूएपीए के तहत आतंकी कृत्य नहीं है, जब तक उससे देश की आर्थिक सुरक्षा को ख़तरा न हो.
केरल के पथनमथिट्टा ज़िले का मामला. 28 जुलाई को कुछ वन अधिकारियों ने वनक्षेत्र में कैमरा नष्ट करने के आरोप में मथाई नामक किसान को गिरफ़्तार किया था. कुछ घंटों बाद उसका शव एक कुएं से बरामद किया गया था. मामले में किसी की भी गिरफ़्तारी न होने की वजह से परिवार ने उनके शव का अब तक अंतिम संस्कार नहीं किया है.
साल 2009 में अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की से हुए बलात्कार के आरोप में निचली अदालत ने एक बुज़ुर्ग को दोषी ठहराया था. इस व्यक्ति ने इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए यह कहा कि उसने सहमति से यौन संबंध बनाए थे.