केरल हाईकोर्ट ने 15 वर्षीय लड़की का कथित रूप से अपहरण और बलात्कार करने के आरोप में 31 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति को ज़मानत देने से इनकार कर दिया, जिसका दावा है कि उसने शादी कर ली थी. आरोपी ने तर्क दिया था कि पॉक्सो के तहत उस पर मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के विवाह की अनुमति देता है.
केरल हाईकोर्ट ने पाया कि केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के दौरान यूजीसी के उस नियम का पालन नहीं किया गया, जिसके तहत कुलाधिपति को तीन या उससे अधिक दावेदारों की सूची भेजना अनिवार्य है. बीते दिनों राज्यपाल ने भी कुलपति से इसी आधार पर इस्तीफ़ा मांगा था.
केरल कैबिनेट ने नौ नवंबर को राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ वाम सरकार की खींचतान के बीच अध्यादेश लाने का फैसला किया था. अध्यादेश का उद्देश्य प्रख्यात शिक्षाविदों को राज्यपाल के स्थान पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करना है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि जिस तरह कर्मचारियों के लिए हड़ताल एक हथियार है, उसी तरह विरोध प्रदर्शन करना नागरिक संस्थाओं के लिए एक साधन है.
केरल हाईकोर्ट ने राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरिफ़ मोहम्मद ख़ान को मामले की सुनवाई होने तक उन कुलपतियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है, जिन्हें उन्होंने कारण बताओ नोटिस भेजा था. ख़ान ने राज्य के 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को ऐसे नोटिस भेजे हैं.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान की आलोचना करते हुए कहा कि उनके बयान बेबुनियाद हैं और उनके पद को शोभा नहीं देते. माकपा ने कहा कि राज्यपाल जान-बूझकर राज्य में धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ रहे हैं और कुलपतियों तथा प्रति-कुलपतियों को हटाकर, उनकी जगह संघ के लोगों की नियुक्ति करके शिक्षा व्यवस्था को ख़तरनाक स्थिति में पहुंचा रहे हैं.
दिसंबर 2021 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को 'राष्ट्रीय सुरक्षा' का हवाला देते हुए सुरक्षा मंज़ूरी देने से मना कर दिया था और जनवरी में इसके प्रसारण पर रोक लगाने को कहा था. शीर्ष अदालत ने सरकार से बिना विशेष कारण बताए प्रतिबंध लगाने को लेकर सवाल-जवाब किए हैं.
केरल हाईकोर्ट ने एक श्रम अदालत में पीठासीन अधिकारी के तौर पर सत्र न्यायाधीश एस. कृष्ण कुमार के तबादले को रद्द करते हुए कहा कि यह उनके प्रति न केवल पूर्वाग्रह और दुर्भावना से भरा फैसला था, बल्कि इससे राज्य में न्यायिक अधिकारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता.
राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लेकर चल रही खींचतान के बीच राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर वित्त मंत्री केएन बालगोपाल के ख़िलाफ़ हाल में दिए उनके एक भाषण को लेकर कार्रवाई की मांग की है. बताया गया है कि विजयन ने उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया है.
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने श्रीनारायणगुरु मुक्त विश्वविद्यालय और केरल यूनिवर्सिटी ऑफ डिजिटल साइंसेज़, इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी’ के कुलपतियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनकी नियुक्ति में यूजीसी के नियमों के कथित उल्लंघन के बाद क्या उन्हें पद पर बने रहना का क़ानूनी अधिकार है.
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान द्वारा रविवार को नौ कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफ़ा देने के निर्देश के ख़िलाफ़ आठ कुलपति हाईकोर्ट पहुंचे थे, जिसे कोर्ट ने अनुचित बताया है. वहीं, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का कहना है कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों को नष्ट करने की मंशा से काम कर रहे हैं.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे का प्रबंधन अडाणी समूह को लीज़ पर दिए जाने के बाद अक्टूबर 2020 में उसने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था. केरल सरकार ने इसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट का रुख़ किया था, जहां उसकी याचिका ख़ारिज कर दी गई थी. उसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी.
केरल के एक कार्यकर्ता को यौन उत्पीड़न के मामले में अग्रिम ज़मानत देते हुए सत्र अदालत ने कहा था कि केस में आईपीसी की धारा 354 ए मान्य नहीं है क्योंकि महिला ने 'यौन रूप से भड़काऊ कपड़े' पहने थे. हाईकोर्ट ने अग्रिम ज़मानत के निर्णय को बरक़रार रखते हुए इस टिप्पणी को अदालत के आदेश से हटाने को कहा है.
फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड के एक कर्मचारी की बेटी ने उनकी मृत्यु के 14 साल बाद अनुकंपा आधार पर नियुक्ति का आवेदन दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने उसे पलटते हुए कहा कि कर्मचारी की मृत्यु के इतने साल बाद वे अनुकंपा नियुक्ति की हक़दार नहीं हैं.
केरल हाईकोर्ट एक महिला की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्र एवं राज्य सरकार को उसे और उसके बच्चे को उसी तरह अनुग्रह राशि देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जिस तरह कोविड-19 से जान गंवाने वालों को दी गई. कोविड टीका लगवाने के बाद महिला के पति की मौत हो गई थी.