नीति आयोग के बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक के अनुसार, बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या सर्वाधिक है, जिसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है. बाल और किशोर मृत्यु दर के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे नीचे है, इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश हैं.
इंडिया पुलिस फाउंडेशन के सर्वे के मुताबिक़, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के लोगों का पुलिस पर सबसे कम विश्वास है. वहीं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल के लोगों ने पुलिस पर सबसे ज़्यादा भरोसा जताया है.
केरल के पलक्कड़ ज़िले में बीते 15 नवंबर को एक 27 वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी. भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिनदहाड़े की गई इस हत्या के पीछे इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं का हाथ है और उन्हें राज्य की सरकार का समर्थन हासिल है.
भाजपा की ओर से निवार्चन आयोग को दिए ख़र्च के ब्योरे के मुताबिक़, पार्टी ने असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल में हुए विधानसभा चुनावों के प्रचार में 2,52,02,71,753 रुपये ख़र्च किए. इनमें से सर्वाधिक 151 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में इस्तेमाल किए गए.
साइरो-मालाबार चर्च से संबंधित बिशप जोसेफ़ कल्लारंगत ने बीते नौ सितंबर कहा था कि केरल में ईसाई लड़कियां ‘लव और नारकोटिक जिहाद’ का शिकार बन रही हैं तथा जहां भी हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, वहां दूसरे धर्मों के युवाओं को बर्बाद करने के लिए चरमपंथी ऐसे तरीके अपना रहे हैं.
माकपा से संबद्ध छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पूर्व नेता अनुपमा ने आरोप लगाया है कि एक साल पहले जब उनका बच्चा पैदा हुआ तो उनके माता-पिता ने बच्चा उनसे ले लिया और पुलिस में बीते अप्रैल माह से से कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया गया. अनुपमा माकपा की स्थानीय समिति के सदस्य पीएस जयचंद्रन की बेटी हैं.
केरल के दो ज़िलों- कोट्टायम और इडुक्की में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में रविवार तक 22 लोगों की मौत हो गई. ख़राब मौसम के कारण इडुक्की के पहाड़ी इलाकों में यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 20 से 24 अक्टूबर तक मौसम के और ख़राब होने का अनुमान लगाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए द्वारा दायर उस याचिका पर यह सवाल किया, जिसमें केरल हाईकोर्ट द्वारा क़ानून के छात्र अल्लान शुहैब को ज़मानत देने के फ़ैसले को सही ठहराने वाले आदेश को ख़ारिज करने की मांग की गई है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बिशप जोसेफ कल्लारंगत की 'नारकोटिक और लव जिहाद' संबंधी टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के बयान किसी भी परिस्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए.
एमए के शासन एवं राजनीति के पाठ्यक्रम में सावरकर के ‘हिंदुत्व: हिंदू कौन है?’ और गोलवलकर के ‘बंच ऑफ थॉट्स’ व ‘वी ऑर अवर नेशनहुड डिफाइंड’ के हिस्सों को शामिल करने पर विवाद हुआ था. कुलपति गोपीनाथ रविंद्रन ने कहा है कि पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए गठित समिति की सिफ़ारिशों के बाद इन्हें न पढ़ाने का फ़ैसला लिया गया है.
बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने बीते सप्ताह कहा था कि केरल में ग़ैर मुस्लिम, ख़ासकर ईसाई लड़कियां लव और नारकोटिक जिहाद का शिकार हो रही हैं. इस बयान पर हुए विवाद के बीच भाजपा की केरल इकाई ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्र से 'जिहादी' गतिविधियां रोकने की मांग की है.
बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने हाल में कहा था कि केरल में ईसाई लड़कियां लव और नारकोटिक जिहाद का शिकार हो रही हैं. भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. वहीं, माकपा और कांग्रेस ने ईसाई-मुस्लिम सद्भावना को नष्ट करने की कथित ‘संघ परिवार के एजेंडे’ को लेकर चेतावनी दी है.
साइरो-मालाबार चर्च से संबंधित बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने गुरुवार को कहा था कि केरल में ग़ैर मुस्लिम, ख़ासकर ईसाई लड़कियां ‘लव और नारकोटिक जिहाद’ का शिकार बन रही हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना की है, वहीं भाजपा बिशप के समर्थन में है. इस बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि नारकोटिक्स का कोई पहलू है तो वो है समाज-विरोधी. कोई भी धर्म ड्रग्स की बिक्री और इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं देता.
यह विवाद एमए के शासन एवं राजनीति के पाठ्यक्रम को लेकर है, जिसमें सावरकर के ‘हिंदुत्व: हिंदू कौन है?’ और गोलवलकर के ‘बंच ऑफ थॉट्स’ एवं ‘वी ऑर अवर नेशनहुड डिफाइंड’ के हिस्सों को शामिल किया गया है. कांग्रेस की छात्र शाखा केरल स्टूडेंट यूनियन ने माकपा के नियंत्रण वाले विश्वविद्यालय पर संघ परिवार के एजेंडे का लागू करने का आरोप लगाया है.
केरल में फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक नए मामलों के क़रीब 70 प्रतिशत मामले दर्ज किए जा रहे हैं. बुधवार को राज्य में संक्रमण के 31,445 नए मामले दर्ज किए गए, जो इस अवधि में देश में सामने आए 46,164 मामलों का 68.11 प्रतिशत है.