वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. इसके अलावा किसानों का आरोप है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है, उसमें गोली लगने का जिक्र नहीं है, जबकि मौत का कारण वाहन से कुचलने के अलावा गोली लगना भी है. किसानों में इस बात को लेकर भी रोष है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की ओर उंगली उठ रही है, इसलिए मामले के नामजद आरोपियों को जेल नहीं भेजा जा रहा है. वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मौजूदा जज से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर निष्पक्ष जांच चाहिए तो अजय मिश्रा को इस्तीफ़ा देना पड़ेगा क्योंकि वे गृह (राज्य) मंत्री हैं और सब उन्हीं के अंतर्गत आता है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के सामूहिक बलात्कार और मौत के बाद किसी अन्य घटना ने इतना ध्यान आकर्षित नहीं किया, जितना हाल ही में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों को निर्ममतापूर्ण तरीके से कुचल देने की घटना ने किया है. दूसरी ओर ठोस कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश सरकार की ढिलाई ने किसानों के गुस्से को शांत करने के बजाय और बढ़ा दिया है.
किसान नेता राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में आरोपी व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के पुत्र आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी की मांग की है. इस हिंसा के संबंध में दर्ज एफआईआर में आशीष पर हत्या, आपराधिक साज़िश सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप की मौत की अदालत के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल द्वारा अलग से जांच कराने की मांग करते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि यह किसानों में डर फैलाने के लिए स्पष्ट रूप से एक आतंकवादी हमला है. वहीं, भारतीय प्रेस परिषद ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए योगी सरकार से रिपोर्ट तलब की है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को में प्रदर्शनकारी किसानों को वाहन से कुचलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस दर्दनाक वीडियो को लेकर तमाम राजनीतिक दलों के अलावा भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी नाराज़गी ज़ाहिर की है. इस बीच पीड़ितों के परिवारों से मिलने जा रहीं प्रिंयका गांधी समेत 11 नेताओं के ख़िलाफ़ शांतिभंग का केस दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर गाड़ी चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है. घटना के बाद वहां का दौरा करने जा रहीं प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से करवाने की बात कही है. साथ ही घटना में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये की वित्तीय मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. घायल किसानों को दस लाख रुपये मुआवज़ा दिया जाएगा.
घटना लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई, जहां प्रदर्शनकारी किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे. किसानों का आरोप है कि इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला. मिश्रा ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है. घटना के बाद विपक्ष ने योगी सरकार पर निशाना साधा है, वहीं भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की
उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान प्राप्त करने के उद्देश्य से एक बैंक खाता खोला है. यह कदम संविधान के उस प्रावधान का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि सरकार किसी विशेष धर्म के नाम पर टैक्स या धन एकत्र नहीं कर सकता है.
साल 2011 में उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर एक प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने और उनके पांच सहयोगियों पर दूसरे समुदाय के एक युवक को प्रताड़ित करने और उनके ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने बताया कि लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ अशोभनीय पोस्टर लगाने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उनमें से सुधांशु बाजपेयी और अश्विनी कुमार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
बुलंदशहर में हुई हिंसा मामले में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि विहिप और बजरंग दल के लोग वोट बैंक के लिए भावना भड़काने का काम कर रहे हैं.
जहां भाजपा सफल हो जाती है, वहां ये कथित ‘चाणक्य नीति’ का ढोल पीटते हैं, जहां विफल हो जाते हैं तो कहते हैं कि अति-आत्मविश्वास हमें ले डूबा.
गोरखपुर में मिली हार योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ा झटका है. भाजपा कार्यकर्ता उन्हें 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे थे, लेकिन अपनी सीट छोड़ो, वो अपना बूथ तक नहीं बचा पाए.