इस मुल्क में हम मुसलमानों को मुजरिम मानकर कार्यवाही कर रहे हैं: प्रो. अपूर्वानंद

वीडियो: जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद ने वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्व दिल्ली में भड़के दंगों से जुड़े एक मामले में जेल में 1,000 दिन पूरे कर लिए हैं. बीते दिनों उनकी रिहाई की मांग और उनके समर्थन में हुई एक सभा में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने अपने विचार रखे.

उमर ख़ालिद ने जेल से रोज़ाना फोन करने की सुविधा देने के लिए अदालत का रुख़ किया

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद के आवेदन पर नोटिस जारी कर तिहाड़ जेल के अधीक्षक से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी. उमर उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगा मामले में सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं.

दिल्ली दंगा केस: उमर ख़ालिद को सात दिन की अंतरिम ज़मानत मिली

दिल्ली दंगों संबंधी मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उमर ख़ालिद ने अपनी बहन की शादी के मद्देनज़र दो सप्ताह की अंतरिम ज़मानत मांगी थी. अदालत ने उन्हें 23 से 30 दिसंबर की अवधि के लिए ज़मानत देते हुए कहा कि वे इसके विस्तार की मांग न करें.

दिल्ली पुलिस ने उमर ख़ालिद की अंतरिम ज़मानत याचिका का विरोध किया

दिल्ली दंगों संबंधी मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उमर ख़ालिद ने अपनी बहन की शादी के मद्देनज़र दो सप्ताह की अंतरिम ज़मानत के लिए दिल्ली की एक अदालत में अर्ज़ी दायर की है. पुलिस ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि उनकी रिहाई से ‘समाज में अशांति’ पैदा हो सकती है.

अब कोर्ट को संकोच छोड़कर कह देना चाहिए कि उमर का जुर्म सिर्फ़ उनका नाम उमर ख़ालिद होना है

भारत में अदालतों में न्याय अब अपवाद बनता जा रहा है. ख़ासकर जब न्याय मांगने वाले मुसलमान हों या मोदी सरकार के आलोचक या विरोधी हों.

जेल में दो साल पूरे होने पर उमर ख़ालिद का ख़त: कभी-कभी निराशा और अकेलापन मुझे घेर लेते हैं

अक्सर सोचता हूं, यह अंधेरी सुरंग कितनी लंबी है? क्या कोई रोशनी दिखाई दे रही है? क्या मैं इसके अंत के नज़दीक हूं या अब तक सिर्फ आधी दूरी ही तय की है? या आज़माइश का दौर अभी बस शुरू ही हुआ है?

उस ताले में रहने का तसव्वुर करें, जिसकी चाबी किसी और के पास हो: उमर ख़ालिद की मां

दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा की साज़िश रचने के आरोप में छात्र नेता उमर ख़ालिद सितंबर 2020 से जेल में हैं. उनके कारावास के दो साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी मां सबीहा ख़ानम ने कहा कि उमर को केवल ज़मानत नहीं मिलनी चाहिए, बल्कि उनके ख़िलाफ़ सारे मामले बंद होने चाहिए.