‘यह आज़ाद भारत के इतिहास का सबसे बुरा दौर है’

वीडियो: पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में हुए सांप्रदायिक घटनाक्रम के बाद तनाव का माहौल है. मध्य प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के घर-दुकान ढहाए गए, तो कहीं मस्जिदों के सामने अभद्र नारे लगे. इसके मद्देनज़र द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की इतिहासकार रामचंद्र गुहा से बातचीत.

खरगोन हिंसा: प्रशासन ने तोड़ा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना मकान, कहा- अवैध था निर्माण

रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद खरगोन में ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी. अब एक परिवार के पास उपलब्ध दस्तावेज़ दिखाते हैं कि जिस मकान को अवैध बताकर ढहाया गया वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गया था.

मध्य प्रदेश: सरकार ने खरगोन में रामनवमी हिंसा के आरोपियों के अवैध निर्माण गिराए

इंदौर के संभागायुक्त पवन शर्मा के मुताबिक, हिंसा के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी. अब तक 84 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और इन आरोपियों के 50 अवैध निर्माणों की पहचान की गई है, जिन्हें गिराना शुरू हो चुका है. हिंसा को लेकर अफ़वाह फैलाने के लिए राज्य सरकार के चार कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की गई है.

गुजरात: हिम्मतनगर में फ़िर से भड़की सांप्रदायिक हिंसा, चार लोग हिरासत में

गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. एक दिन बाद फिर दो समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव किया. हिंसा को लेकर तीन मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, झारखंड के लोहरदगा ज़िले में रामनवमी के अवसर पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.

रामनवमी पर निकले जुलूसों के दौरान चार राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा, गुजरात में एक मौत

गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात शहरों में रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प हो गई. मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. झारखंड के लोहरदगा ज़िले में पथराव और हमले में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं और बंगाल में भी हावड़ा के शिबपुर इलाके में झड़प की ख़बर है.

मध्य प्रदेश: बरसों से उपेक्षित आदिवासी समुदाय अचानक राजनीति के केंद्र में क्यों आ गया है

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 नवंबर यानी बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने और इस रोज़ भव्य आयोजन करने की घोषणा की थी. सरकार व भाजपा संगठन का कहना है कि 15 नवंबर तक वे प्रदेश भर में जनजातियों से जुड़े विभिन्न आयोजन करेंगे. विपक्षी कांग्रेस भी प्रदेश में ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ निकाल रही है.

मध्य प्रदेश: पुलिस हिरासत में युवक की मौत के बाद चार पुलिसकर्मी निलंबित

मामला खंडवा ज़िले के ओंकारेश्वर थाने का है, जहां बाइक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए एक व्यक्ति की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई. मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं और संबंधित थाना प्रभारी, एक सहायक उप निरीक्षक और दो आरक्षकों को निलंबित किया गया है.

मध्य प्रदेश: न्यायिक हिरासत में आदिवासी की मौत, खरगोन पुलिस अधीक्षक हटाए गए

मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले में बिशन भील नामक व्यक्ति को चार सितंबर को पुलिस ने 11 अन्य लोगों के साथ एक गांव में लूट और डकैती के मामले में गिरफ़्तार किया था. खरगोन उप-जेल में सात सितंबर को उनकी मौत हो गई थी. घटना के बाद सरकार ने सात सितंबर को चार पुलिसकर्मियों और एक जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया था. मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

मध्य प्रदेश: खनन अधिकारी से विवाद के बाद छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले का मामला. ज़िला खनन अधिकारी की शिकायत के आधार पर यह एफ़आईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने छह पत्रकारों पर अभद्रता करने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. पत्रकारों ने इससे इनकार​ किया है. पत्रकार दो ठेकेदारों से संबंधित अवैध रेत खनन के मामले को लेकर उनसे बयान लेने गए थे.

मध्य प्रदेश: क्या कांग्रेस मालवांचल में विधानसभा चुनाव में मिली सफलता दोहरा पाएगी?

मध्य प्रदेश के मालवांचल की आठ सीटों- देवास, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम और उज्जैन पर 19 मई को मतदान है. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने ये सभी सीटें जीतकर इतिहास रचा था, लेकिन विधानसभा चुनावों में पार्टी को इस क्षेत्र से ज़ोरदार झटका लगा था.

मध्य प्रदेश: क्यों आरक्षित सीटें प्रदेश में लोकसभा चुनावों के नतीजों के लिहाज़ से अहम हैं

मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से 10 अनसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 में भाजपा ने इन सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार उसकी हालत पतली है. इसलिए आरक्षित सीटों पर 75 फीसदी सांसदों के टिकट काट दिए हैं, जबकि अनारक्षित सीटों पर केवल 33 फीसदी ही टिकट काटे गए हैं.