9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के आरोपी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना के लिए साल 2017 में दोषी ठहराया गया था. उन्होंने अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों के खातों में 4 करोड़ डॉलर स्थानांतरित करने की जानकारी को साझा नहीं किया था. शीर्ष अदालत ने माल्या को ब्याज सहित यह राशि चार सप्ताह में जमा करने का आदेश दिया है.