आरोप है कि वडोदरा के मयंक तिवारी नाम के व्यक्ति ने प्रधानमंत्री कार्यालय का निदेशक (सरकारी सलाहकार) होने का दावा किया. वह लोगों को धमकाकर या 'विवादों को निपटाने' के लिए पीएमओ के नाम का इस्तेमाल करके करोड़ों रुपये इकट्ठा कर रहा था.
गुजरात के वडोदरा से गिरफ़्तार इस शख़्स की पहचान मयंक तिवारी के रूप में हुई है. उसने दो बच्चों का दाख़िला कराने के बदले एक निजी स्कूल पीएमओ से कई अनुबंध दिलाने का झांसा दिया था. बीते मार्च में गुजरात के ही किरण पटेल को गिरफ़्तार किया गया था, जो ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कश्मीर की कई यात्राएं कर चुका था.
पुणे पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 54 वर्षीय वासुदेव निवरुत्ति तायड़े के रूप में की गई है. तायड़े की गिरफ़्तारी के साथ लगभग तीन महीने के दौरान ऐसे तीसरे व्यक्ति को पकड़ा गया है, जो ख़ुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात होने का दावा करते हुए लोगों को ठगते थे.