दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद के समाधान की बातचीत के बीच मिज़ोरम के अधिकारी ने बताया कि असम पुलिस ने दो अक्टूबर को झोफई इलाके में दो झोंपड़ियां बनाईं. यह वही जगह है, जहां 2018 में हुई एक झड़प में 60 लोग घायल हो गए थे.
उत्तरी त्रिपुरा ज़िले के कंचनपुर और पानीसागर उपसंभागों में मिज़ोरम से आए ब्रू शरणार्थी सात राहत शिविरों में रह रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें आदेश मिला है कि शिविरों में ठहरे शरणार्थी यदि कहीं और पुनर्वास के लिए राजी नहीं होते हैं तो एक सितंबर से उन्हें दी जाने वाली मुफ़्त राशन आदि जैसी मदद रोक दी जाएगी.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की गई और ऐसा प्रतीत होता है कि पुनर्वास के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. केवल 500 परिवारों को अभी तक ज़मीन नहीं मिली है और उन सभी को 20 मई तक प्लॉट दिए जाएंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में ब्रू विस्थापित युवा संघ ने पुनर्वास प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए त्रिपुरा की बिप्लब देव सरकार के लापरवाही भरे रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है.
वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के 30 हज़ार से अधिक लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के कुछ ज़िलों में बस गए थे. त्रिपुरा सरकार ने क़रीब 33,000 ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की है. वहीं, मिज़ोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तुइरियाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मद्देनज़र उठी ब्रू मतदाताओं के नाम हटाने की मांग की याचिकाएं निर्वाचन आयोग को भेज दी गई हैं.
26 जुलाई को असम-मिज़ोरम सीमा पर हुई एक हिंसक झड़प में असम के छह पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हुए थे. असम के एक निवासी की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव के साथ असम व मिज़ोरम के मुख्य सचिवों से चार हफ़्तों में इस पर रिपोर्ट देने को कहा है.
यह घटना बैराबी के ज़ोफई क्षेत्र की है, जो मिज़ोरम-असम के बीच सीमा विवाद के प्रमुख बिंदुओं में से एक है. मिज़ोरम का कहना है कि यहां एक सरकारी परियोजना के तहत पुल का निर्माण किया जा रहा था, जहां से असम पुलिस ने उनकी निर्माण सामग्री चोरी की. असम ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह निर्माण बिना आवश्यक अनुमतियों के किया जा रहा था.
असम-मिज़ोरम सीमा पर ताज़ा गोलीबारी हैलाकांडी ज़िले की सीमा से लगे विवादित ऐतलांग इलाके में हुई है. बीते 26 जुलाई को एक हिंसक झड़प हुई थी जिसमें असम के छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए थे.
असम और मिज़ोरम के पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष के 13 दिन बाद रविवार को देश के बाकी हिस्सों से पहुंचने वाले ट्रक असम के साथ लगी विवादित सीमा से मिज़ोरम में प्रवेश कर पाए. असम के मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा है कि पटरियों की मरम्मत के बाद रेल सेवा भी बहाल कर दी जाएगी.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, मिज़ोरम, त्रिपुरा और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
असम-मिज़ोरम सीमा पर बीते 26 जुलाई को झड़प में असम पुलिस के छह कर्मचारियों और एक आम व्यक्ति के मारे जाने तथा 50 अन्य के घायल होने के बाद तनावपूर्ण शांति है. दोनों राज्य सरकारें दशकों पुराने सीमा विवाद का टिकाऊ हल तलाशने, वाहनों का आवागमन बहाल करने और टकराव वाले इलाकों से अपने-अपने पुलिस बलों को दूर रखने सहित अन्य उपाय करने के लिए को सहमत हुईं. इस बीच असम और मेघालय ने अंतर राज्यीय विवादों के हल के
उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अंतरिक्ष विभाग और उत्तर पूर्वी परिषद द्वारा संयुक्त रूप से ये कार्य किया जाएगा. पिछले महीने असम और मिज़ोरम के बीच हुए झड़प में असम के छह पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी.
बीते 26 जुलाई को असम-मिज़ोरम सीमा पर हुई हिंसा के मामले में असम पुलिस ने मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के छह अधिकारियों को तलब करते हुए एक राज्यसभा सांसद के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी. वहीं, मिज़ोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा समेत छह पुलिस अधिकारियों पर केस दर्ज किया था.
बीते 26 जुलाई को असम कछार ज़िले के लैलापुर और मिजोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंग्टे गांव जो दोनों राज्यों की सीमा पर पड़ते हैं, में पुलिस बलों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें असम पुलिस के छह पुलिसकर्मी और एक निवासी की मौत हो गई थी. जबकि 50 से अधिक अन्य घायल हो गए थे. इसके बाद से ही दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव बरक़रार है.
असम पुलिस ने मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के एसपी और उपायुक्त समेत छह अधिकारियों को धौलाई थाने में पेश होने को कहा है. वहीं मिज़ोरम पुलिस ने बताया कि 26 जुलाई को कोलासिब के वैरेंग्टे में हुई हिंसा मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और राज्य पुलिस के छह अधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.