छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने परसा कोयला खनन परियोजना के लिए हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई और खनन गतिविधि को अंतिम मंज़ूरी दे दी है, जिसके ख़िलाफ़ आदिवासी और कार्यकर्ता ‘चिपको आंदोलन’ जैसा प्रदर्शन कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि पेड़ों की कटाई और खनन से 700 से अधिक लोगों के विस्थापित होने की संभावना है. इससे आदिवासियों की स्वतंत्रता और आजीविका को ख़तरा है.
घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले की है. घटना से संबंधित कथित वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि आग के चारों ओर खड़े होकर कुछ लोग देश को हिंदू राष्ट्र बनाने और मुसलमानों को काम न देने का संकल्प ले रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, मामले का मुख्य आरोपी हिंदू संगठन से जुड़ा हुआ है.
छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री जय सिंह अग्रवाल का कहना है कि कोयले की खुली खदानों और कोयले के ईंधन से चलने वाले संयंत्रों के कारण कोरबा अत्यधिक प्रदूषित है और क्षेत्र के तक़रीबन 12 प्रतिशत लोग पहले से ही दमा और ब्रोंकाइटिस से पीड़ित हैं.
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चम्पा ज़िले के कोटाडाबरी गांव स्थित प्रकाश स्पंज आयरन इंडस्ट्रीज़ में हुआ हादसा. दो मज़दूरों की हालत नाज़ुक.