कोर्ट ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन के दो हफ्ते के अंदर, जो भी पहले हो, ये जानकारी प्रकाशित कर दी जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश तब दिया जब शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों से उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की मीडिया में घोषणा करने के बारे में कहने के बजाए राजनीतिक दलों से कहा जाना चाहिए कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट ही न दें.
कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों की जानकारी का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से गहन प्रचार किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे लोगों को चुनावी राजनीति में आने की इजाजत नहीं देने की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.