मणिपुर के बिष्णुपुर में सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को हिरासत में लिया और उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड आदि बरामद किए थे. हालांकि, मेईतेई महिलाओं के समूह मीरा पाइबीज़ ने जवानों को रोक दिया और स्थिति अराजक होने के बीच हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.
मई 2023 में मणिपुर में हिंसा छिड़ने के बाद भीड़ ने दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया था. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि घटना से पहले दोनों महिलाएं सड़क किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी में बैठ गई थीं, लेकिन कर्मियों ने उन्हें गाड़ी की चाबी न होने का हवाला देकर वहीं छोड़ दिया.
सीबीआई ने गुवाहाटी में एक विशेष अदालत के समक्ष छह लोगों और एक नाबालिग के खिलाफ मई की घटना के संबंध में आरोप पत्र दायर किया है. मई में हुई इस घटना का वीडियो जुलाई महीने में सामने आया था, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्नकर घुमाकर उन पर यौन हमला किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को मणिपुर सरकार को हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इस आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि जो कोई भी इसका उल्लंघन करता पाया गया, उस पर केस दर्ज किया जाएगा.
मणिपुर से सात सेकंड के इस वीडियो में एक गड्ढे में पड़े कुकी समुदाय के एक व्यक्ति को कुछ लोगों द्वारा आग लगाते हुए देखा जा सकता है. यह स्पष्ट नहीं है कि घटना के व्यक्ति ज़िंदा था या नहीं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा के दूसरे दिन यानी 4 मई को मेईतेई-प्रभुत्व वाले थौबल जिले में हुई एक घटना है. इस संबंध में उस वक्त केस दर्ज किया गया था.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के अलग अलग हिस्सों से आए आदिवासियों ने एक दिन का धरना दिया. यह विरोध समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और मणिपुर हिंसा में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ था. केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मणिपुर में जारी हिंसा रोकने की मांग की गई.
मेईतेई समाज से आने वाले हिजाम लिनथोइंगामी (17 वर्षीय लड़की) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय लड़का) इस साल 6 जुलाई को हिंसा के दौरान लापता हो गए थे. 25 सितंबर को उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद मणिपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद कुकी-जो आदिवासी समुदाय से आने वाले 10 विधायक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. इनमें से 7 सत्तारूढ़ भाजपा के हैं. भाजपा विधायक और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि अगर वे ‘शांति के लिए काम करने’ को लेकर गंभीर नहीं तो ‘इस्तीफा दे दें’.
बीते 8 सितंबर को मणिपुर के टेंगनौपाल ज़िले के पलेल में हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे. इस दौरान पलेल के पास मोलनोई गांव में सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी हो गई थी. राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को घटना से अवगत कराने की बात कही है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन ने मणिपुर में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पर नियमित रूप से प्राप्त रिपोर्ट पर आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) और धारा 24 के तहत जानकारी देने से इनकार किया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने इंफाल से अंतिम पांच कुकी परिवारों को हटाने की ख़बर का हवाला देते हुए कहा कि एक राज्य सरकार ‘जातीय सफाये’ की अगुवाई करती है और केंद्र सरकार का दावा है कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार चल रही है... इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया था. टीम द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर सरकार द्वारा इंटरनेट बैन का पत्रकारिता पर हानिकारक प्रभाव पड़ा, क्योंकि बिना किसी संचार के एकत्र की गईं स्थानीय ख़बरें स्थिति का संतुलित दृष्टिकोण देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं.
असम राइफल्स के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने कहा है कि हमने इतिहास में कभी भी इस तरह की किसी स्थिति का सामना नहीं किया है. नागरिकों के पास ‘बड़ी संख्या में हथियार’ चिंता का एक प्रमुख विषय है. जब तक ये हथियार किसी भी तरह से वापस नहीं आ जाते, ये चुनौती सबसे बड़ी रहेगी.
मणिपुर में पिछले चार महीने से जातीय हिंसा लगातार जारी है. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में बहुत सारे नागरिक समाज संगठन हैं, जो अलग-अलग तरह की बात करते हैं. उन्होंने हिंसा ख़त्म करने के लिए संगठनों से एक ठोस प्रस्ताव लाने और एक स्वर में बोलने की अपील की, ताकि इसे दिल्ली में केंद्र सरकार तक पहुंचाया जा सके.
हिंसाग्रस्त मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर ज़िलों की सीमा पर कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर फायरिंग हुई है. इसमें इंडिया रिज़र्व बटालियन के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हुए हैं और 29 अगस्त से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.