मणिपुर के जिरीबाम ज़िले में बोरोबेकरा थाने के पास 11 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ कथित मुठभेड़ में दस युवक मारे गए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक शव पर गोलियों के कई घाव थे, ज़्यादातर गोलियां पीछे से चलाई गई थीं.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मणिपुर में 18 महीनों से जारी जातीय हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन की तुलना में राष्ट्रपति शासन बेहतर होगा. बीरेन सिंह पर राज्य में संकट का समाधान करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि नया नेतृत्व ज़रूरी है.
मणिपुर में इंफाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ गांव के एक निवासी आर्मी कैंप में सुपरवाइजर का काम करते हैं और 25 नवंबर की दोपहर से लापता हैं. इस घटना की ख़बर सामने आने के बाद क्षेत्र में गुस्सा भड़क उठा और बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं.
गृह मंत्रालय ने मणिपुर में दूरसंचार ऑपरेटरों को नागरिकों के सभी कॉल रिकॉर्ड पांच साल की अवधि तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है. यह निर्देश म्यांमार सीमा पार के कट्टरपंथियों के साथ सशस्त्र उग्रवादियों के संपर्क में होने की संभावना का पता लगाने के लिए जारी किए गए हैं.
मणिपुर के हिंसाग्रस्त जिरीबाम की एक नदी में शुक्रवार शाम को एक महिला और दो बच्चों के शव मिले हैं. माना जा रहा है कि ये 11 नवंबर से लापता छह लोगों में से कुछ के हो सकते हैं. अधिकारियों के अनुसार, शवों का का विवरण लापता लोगों में से तीन से मेल खा रहा है.
मणिपुर पुलिस के अनुसार, मंगलवार को सुरक्षा बलों ने जिरीबाम ज़िले के कथित मुठभेड़ वाले इलाके से दो मेईतेई पुरुषों के शव बरामद किए. मृतकों से संबंधित मेईतेई समुदाय के छह लोग, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं, अब भी लापता हैं. ये लोग बोरोबेकरा थाने के राहत शिविर में रहते थे.
ग्यारह महीनों से जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में कुकी नेशनल असेंबली ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर भारत में पीड़ा सहना हमारा अधिकार माना जा रहा है, तो हम संसदीय चुनावों में भाग न लेने का विकल्प चुनते हैं. इससे पहले भी कई कुकी-ज़ो समूहों ने लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान कर चुके हैं.
जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में कुकी-ज़ो समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने कहा है कि समुदाय के सदस्यों को उनकी सलाह है कि वे भारतीय नागरिक के रूप में लोकसभा चुनाव में मतदान करके अपने मताधिकार का प्रयोग करें, लेकिन बाहरी मणिपुर सीट के लिए चुनाव लड़ने से बचें.