सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की भूमिका की ओर इशारा करने वाले ऑडियो टेप की जांच की याचिका पर केंद्र सरकार द्वारा कड़ी आपत्ति जताए जाने के बावजूद इसकी जांच करने की बात कही है.
हिंसाग्रस्त मणिपुर में छात्रों द्वारा डीजीपी और राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांगों को लेकर इंफाल में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के साथ झड़पों में 40 से अधिक छात्र घायल हुए हैं. पुलिस का कहना है कि राज्य में बुधवार को स्थिति तनावपूर्ण, मगर नियंत्रण में है.
इस बीच, कुकी-ज़ो समुदाय के एक सेवानिवृत्त सैन्य जवान को रविवार रात इंफाल पश्चिम ज़िले में बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. घटना तब हुई जब वह अनजाने में एक मेईतेई बहुल इलाके में प्रवेश कर गए थे.
मणिपुर टेप्स पड़ताल के तीसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह कहते हैं कि राज्य की सरकारी नौकरियों में अधिकतर कुकी हैं, जो एसटी कोटे की मदद वहां पहुंचे हैं. वे कथित तौर पर पंद्रह महीने से जारी जातीय संघर्ष को शुरू करने का दावा भी करते हैं.
वीडियो: मणिपुर में बीते 15 महीनों से जारी जातीय संघर्ष के बीच एक पड़ताल में सामने आए ऑडियो टेप्स ने सीएम एन. बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. हिंसा के दौरान राज्य में तैनात असम राइफल्स को लेकर भी विवाद हुआ. इन पर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और द हिंदू की डिप्टी एडिटर विजेता सिंह से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
मणिपुर में सालभर से चल रहे संघर्ष की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग, जिसे हिंसा की जांच कर रहे आयोग के सामने भी रखा गया है, सीएम के तौर पर उनके आचरण और इरादों पर सवाल खड़े करती है. मणिपुर सरकार ने रिकॉर्डिंग को 'फ़र्ज़ी' कहा है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य के कुकी और मेईतेई समुदाय के बीच शांति वार्ता शुरू होने की बात कही, पर कुकी संगठनों ने कहा है कि उन्हें ऐसी किसी भी 'शांति वार्ता' की कोई जानकारी नहीं है. सीएम केंद्र और आम जनता के सामने अपनी साख बचाने के लिए मीडिया में नौटंकी की है.
मणिपुर हिंसा के दौरान हथियारों की लूट के इस मामले को राज्य सरकार द्वारा पिछले साल 24 अगस्त को केंद्रीय एजेंसी को सौंपा गया था. मणिपुर सरकार ने अब तक सीबीआई को 29 मामले ट्रांसफर किए हैं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की यह प्रतिक्रिया मिज़ोरम के नए मुख्यमंत्री लालदुहोमा की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने मणिपुर पुलिस से सीमावर्ती शहर मोरेह में रहने वाले कुकी-ज़ो लोगों को परेशान न करने के लिए कहा था. उन्होंने जोड़ा था कि मणिपुर में कुकी समुदाय से अच्छा बर्ताव नहीं किया जा रहा.
सेना के पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब तक विभिन्न पुलिस थानों और अन्य स्थानों से लूटे गए 4,000 से अधिक हथियार लोगों के हाथों में हैं, मणिपुर में हिंसा ख़त्म नहीं होगी.
बीते दिनों मणिपुर हिंसा से जुड़ा एक और वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कुछ लोग जमीन पर पड़े एक व्यक्ति को आग लगाते देखे जा सकते हैं. पहले पीड़ित की पहचान 37 वर्षीय लालदिनथांगा खोंगसाई के रूप में होने का दावा किया गया था, लेकिन अब पुलिस सूत्रों और खोंगसाई के परिजनों ने पहचान पर संदेह व्यक्त किया है.
मणिपुर के इंफाल पश्चिम ज़िले में डिफेंस सर्विस कॉर्प्स के सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का 16 सितंबर को उनके घर से अपहरण कर लिया गया था. कमेटी फॉर ट्राइबल यूनियन की ओर से कहा गया है कि ऐसे बर्बर कृत्य से पता चलता है कि कैसे सशस्त्र मेईतेई बदमाशों को इंफाल घाटी में बिना किसी हिचकिचाहट के आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति दी गई है.
8 सितंबर को हुई एक सशस्त्र समूह और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी की घटना को लेकर मणिपुर की एन. बीरेन सिंह सरकार ने 'केंद्रीय सुरक्षा बलों' की निंदा की है, वहीं पुलिस द्वारा प्रेस को दिए बयान में इसे 'संयुक्त अभियान' बताया गया है.
मणिपुर में तीन महीने से जारी हिंसा के बीच मणिपुर सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सदस्य कुकी पीपुल्स अलायंस ने घोषणा की है कि वह एन. बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले रही है. मणिपुर सरकार में पार्टी के दो विधायक शामिल हैं.
इंफाल की 17 वर्षीय छात्रा लुवांगबी लिनथोइंगंबी हिजाम और उनके दोस्त फिजाम हेमंजीत सिंह को आख़िरी बार 6 जुलाई को सीसीटीवी फुटेज में एक साथ देखा गया था. तब से, वे लापता हैं और उनके परिवार लगातार अधिकारियों से कार्रवाई करने के लिए गुहार लगा रहे हैं.