मामला दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले का है. आतंकवादियों के हमले में मारे गए सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के थे.
अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक अपहृत रिश्तेदारों की संख्या 11 हो गई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि वह इन मामलों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है.
9 जनवरी को सुरक्षा बल के साथ मुठभेड़ में आतंकी फरहान वई की मौत होने पर चैनल ने दो निर्दोष युवाओं को इस ख़बर में आतंकी बताया था.
कश्मीरी पुलिसकर्मी अपने पेशे के चलते आतंकियों के लिए घृणा का पात्र बन जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी फिक्र करता कोई नहीं दिखता.
जब एक आतंकवादी मारा जाता है, तो उसे भी उसके हिस्से का सम्मान मिलता है, उसके परिवार को खुलकर मातम मनाने की आजादी मिलती है. लेकिन, पुलिसकर्मियों की मातमपुर्सी में बहुत कम लोग आते हैं.